NIA की चार्जशीट दाख‍िल, 3 राज्यों को दहलाने वाले थे लाखों का पैकेज लेने वाले ISIS आतंक‍ी

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सल्फ्यूरिक एसिड को शिरका, एसिटोन को रोज वाटर और हाइड्रोजन प्रीऑक्साइड को शरबत नाम दे रखा था. आतंकियों ने घर में ही मौजूद चीजों से आईईडी बनाई, इसकी टेस्टिंग भी की और फिर इसका इस्तेमाल वे महाराष्ट्र, पुणे और केरल को दहलाने के लिए करने वाले थे.

इस तरह बनाया था प्लान 

शिक्षित आतंकवादी, कोड वर्ड का इस्तेमाल: खुलासा हुआ है कि इस मॉड्यूल में शामिल आतंकी नामी कंपनियों में काम करने वाले उच्च शिक्षित लोग थे. उन्होंने बम बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री के लिए “शिरका,” “शरबत,” और “गुलाब जल” जैसे कोड वर्ड का इस्तेमाल कर रहे थे.

कई राज्यों में आतंकियों ने की रेकी: आरोपियों ने आतंकी हमले की योजना बनाने के लिए कई राज्यों में रेकी की. उन्होंने रेकी के लिए महंगी हिमायन बाइक का इस्तेमाल किया और वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी के लिए ड्रोन भी खरीदे और उनका इस्तेमाल किया. एनआईए ने ऐसे ही एक ड्रोन को जब्त कर लिया है.

गिरफ्तार आरोपियों की शिक्षा और पेशा: गिरफ्तार किए गए अधिकांश आतंकवादी तकनीकी रूप से मजबूत और उच्च शिक्षित थे. आरोपियों में से एक जुल्फिकार एक मल्टीनेशनल आईटी कंपनी में वरिष्ठ प्रोजेकेक्ट मैनेजर था. एक अन्य आरोपी शाहनवाज के पास माइनिंह इंजीनियर के रूप में काम करता था और उसे विस्फोटकों का पूरी जानकारी थी. इसके अलावा एक अन्य गिरफ्तार आरोपी कादिर पठान एक ग्राफिक्स डिजाइनर के रूप में काम करता था.

सामग्री और प्रशिक्षण केन्द्र: आतंकवादियों ने इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) बनाने के लिए वॉशिंग मशीन टाइमर, थर्मामीटर, स्पीकर वायर, 12-वोल्ट बल्ब, 9-वोल्ट बैटरी, फिल्टर पेपर, माचिस और सोडा पाउडर जैसी आसानी से मिलने वाली चीजों का इस्तेमाल किया. उन्होंने पुणे के जंगल में एक प्रशिक्षण केंद्र भी स्थापित कर रखा था, जहां उन्होंने परीक्षण किए और आईईडी का निर्माण किया.

आतंकवादी हमलों में केरल के युवा: चार्जशीट के मुताबिक 2-3 अगस्त 2020 को अफगानिस्तान के जलालाबाद में जेल में हुए हमले को आईएसआईएस के आतंकियों ने अंजाम दिया था हमले 29 लोग मारे गए थे जिसमें कुछ भारतीय भी शामिल थे. इस हमले को आईएसआईएस के कुल 8 आतंकियों ने अंजाम दिया था. आईएसआईएस के उन आतंकियों का लीडर अबू रैयान अल हिंदी केरला का था, जबकि दो और आतंकी अबू रवाहा अल हिंदी और अबू नोआह अल हिंदी भी केरला के रहने वाला था.

विदेशी फंडिंग और कम्यूनिकेशन: गिरफ्तार आतंकी सोशल मीडिया के जरिए लगातार विदेश स्थित हैंडलर्स के संपर्क में थे. उन्हें अपनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए इन विदेशी कनेक्शनों से लगातार निर्देश और फंडिंग मिलती रही.

– एजेंसी