नेपाल के नए राष्ट्रपति बने रामचंद्र पौडेल, प्रतिद्वंद्वी सुभाष चंद्र नेमबांग को हराया

INTERNATIONAL

पौडेल प्रधानमंत्री प्रचंड के नेतृत्व वाले आठ-दलीय गठबंधन द्वारा समर्थित उम्मीदवार थे, जबकि नेमबांग सीपीएन-यूएमएल से जुड़े थे।

पौडेल को राष्ट्रपति पद के चुनाव में समर्थन देने को लेकर उत्पन्न राजनीतिक विवाद के बाद पूर्व प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा के नेतृत्व वाली सीपीएन-यूएमएल ने मौजूदा सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था. सीपीएन-यूएमएल नेपाल की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है।

पौडेल बिद्या देवी भंडारी का स्थान लेंगे। पौडेल इसके पहले नेपाल की संसद के स्पीकर भी रह चुके हैं। नेपाल के चीफ इलेक्शन कमिशनर महेश शर्मा पौडेल ने बताया कि चुनाव आयोग ने वोटिंग के लिए 2 पोलिंग बूथ बनाए हैं। इनमें से एक बूथ पर संसद के सदस्य मतदान करेंगे। वहीं दूसरे बूथ पर देशभर की विधानसभाओं के सदस्य मतदान करेंगे। वोटिंग के लिए सभी विधायक काठमांडू पहुंच चुके हैं।

रामचंद्र पौडेल को मिला 8 पार्टियों का समर्थन 

नेपाल कांग्रेस के उम्मीदवार रामचंद्र पौडेल का राष्ट्रपति बनना लगभग तय माना जा रहा था। उन्हें प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड की पार्टी सहित 8 पार्टियों का समर्थन हासिल था। वहीं CPN-UML के उम्मीदवार सुभाष चंद्र नेमबांग को अपनी पार्टी के अलावा निर्दलीय सदस्यों का समर्थन मिलने की उम्मीद थी। दूसरी तरफ राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (RPP) ने बुधवार को किसी भी उम्मीदवार को समर्थन नहीं देने का फैसला किया था।

राष्ट्रपति चुनाव के लिए 884 सदस्यों ने डाले वोट

नेपाल के इलेक्टोरल कॉलेज में 884 मेंबर्स हैं। इनमें से 275 सदस्य प्रतिनिधि सभा के हैं, जबकि 59 सदस्य नेशनल असेंबली के हैं। इनके अलावा देशभर की विधानसभा से 550 सदस्य भी इलेक्टोरल कॉलेज का हिस्सा हैं। चुनाव में एक सांसद के वोट का वेटेज 79 है जबकि एक विधायक के वोट का वेटेज 48 है। इसका मतलब राष्ट्रपति चुनाव के लिए कुल 52,786 वोट डाले गए।

राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर ओली ने छोड़ा अलायंस

​​​​​इससे पहले नेपाल सरकार में प्रधानमंत्री प्रंचड की पार्टी के साथ गठबंधन में शामिल केपी ओली की पार्टी नेपाल यूनिफाइड मार्कसिस्ट लेननिस्ट (CPN-UML) ने 27 फरवरी को अलायंस छोड़ दिया था। दरअसल प्रचंड ने CPN-UML के राष्ट्रपति उम्मीदवार की जगह नेपाल कांग्रेस के उम्मीदवार को समर्थन देने का फैसला किया था। इसके बाद ओली की पार्टी भड़क गई और उन्होंने सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया। वहीं इसी बात से नाराज होकर नेपाल के उप-प्रधानमंत्री राजेंद्र सिंह लिंगदेन समेत राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (RPP) के 4 मंत्री भी इस्तीफा दे चुके हैं।

Compiled: up18 News