नौसेना प्रमुख ने बताया, हिंद महासागर में चीन की हर हरकत पर हमारी नजर

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हमारे अभी 67 युद्धपोत बन रहे हैं

उन्होंने कहा कि चीन की नौसेना बड़ी नौसेना है. हिन्द महासागर में उनकी मौजूदगी है. उनके फिशिंग बोट हैं. उनकी हर गतिविधि पर हमारी नज़र है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान नेवी का अधिकार है वह अपने आप को बढ़ाए. हम भी हालत देखकर अपनी रणनीति को बदलते रहते हैं. हमारे अभी 67 युद्धपोत बन रहे हैं जिनमें से 55 से ज़्यादा देश में बन रहे हैं. हम विमानवाहक पोत भी देश में ही बना रहे हैं. हम पनडुब्बी न केवल डिजाइन कर रहे हैं बल्कि उनको बना भी रहे हैं. एचएएल ट्विन इंजन एयर क्राफ्ट नौसेना के लिये बनाने पर काम कर रही है. यही हमारा फोकस भी है.

हम हर संभव कोशिश कर रहे हैं

नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने शुक्रवार को कहा कि भारत सरकार कतर में मौत की सजा पाए आठ पूर्व नौसैनिकों को वापस लाने का हरसंभव प्रयास कर रही है. बता दें कि कतर की एक अदालत ने भारत के आठ पूर्व नौसैनिकों को मौत की सजा सुनाई है. एडमिरल कुमार ने कहा कि हम उनके हित सुनिश्चित करने के लिए निकटता से काम कर रहे हैं.

26 नवंबर को सुनाई गई थी सजा

उन्होंने कहा कि भारत सरकार उनकी वापसी सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है. भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों को कतर की एक अदालत ने 26 नवंबर को मौत की सजा सुनाई थी. भारत ने कहा था कि वह इस फैसले से बेहद स्तब्ध है और इस मामले में सभी कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहा है. मौत की सजा के खिलाफ अपील दायर की जा चुकी है और कतर की एक उच्च अदालत ने इसे स्वीकार कर लिया है। यह अपील जेल में बंद इन भारतीय नागरिकों की कानूनी टीम ने दायर की है.

नौसेना प्रमुख ने कहा कि देश में जो हथियार बनेगा वह अच्छा होगा. हमे इसपर यकीन हैं. यूक्रेन और रूस में यही देखा गया है. खुद का बना हुआ हथियार बेहतर होता है. सप्लाई में कोई दिक्कत नही होती है. हम 2047 में विकसित भारत बनने जा रहा है. हमारी कोशिश है देश मे ही बने हथियार का इस्तेमाल करे.

इस बातचीत के दौरान उन्होंने महिला अग्निवीर की हत्या पर भी अपनी बात रखी. उन्होंने महिला अग्निवीर की आत्महत्या को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. इसकी जांच के लिये बोर्ड ऑफ इंक्वायरी बैठा दी गई है. हम लगातार ऐसी कोशिश करते रहते है कि ऐसी घटनाएं न हो. मनोवैज्ञानिक भी नौसेना के है जो लगातार नज़र रखते है. यह मामला दुर्भाग्यपूर्ण है. जो संभव होगा कार्रवाई करेंगे. जहां तक महिलाओं के पनडुब्बी में काम करने की बात है तो इसमें उनको खुद आगे आना होता है. उसके बाद टेस्ट होता है.  कठिन ट्रेनिंग होता है उसके पास करने के बाद ही कोई पनडुब्बी में तैनात हो सकता हैं. इस पर कोई रोक नही हैं.

उन्होंने देश में तैयार किए जाने वाले हथियार के बारे में भी अपनी बात रखी. नौसेना प्रमुख ने कहा कि जो देश मे हथियार बनेगा वह अच्छा होगा. हमे इसपर यकीन हैं. यूक्रेन और रूस में यही देखा गया है. खुद का बना हुआ हथियार बेहतर होता है. सप्लाई में कोई दिक्कत नही होती है. हम 2047 में विकसित भारत बनने जा रहा है. हमारी कोशिश है देश मे ही बने हथियार का इस्तेमाल करे.

Compiled: up18 News