एस्टेरॉयड से पृथ्वी को बचाने के लिए किया गया नासा का परीक्षण सफल, बना नया कीर्तिमान

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नासा के लाइवस्ट्रीम में स्पेसक्राफ्ट जैसे ही एस्टेरायड से टकराया तो वैज्ञानिक बेहद खुश हो गए और तालियां बजाने लगे। डार्ट मिशन के कोर्डिनेशन लीड नैन्सी चाबोट ने कहा कि हम जानते थे कि इसकी तस्वीरें काफी शानदार होंगी, लेकिन ये उम्मीद से भी बढ़कर हैं। उन्होंने कहा कि यह काफी कठिन था। एक छोटे से एस्टेरायड, जिसे हमने देखा नहीं है, उसे इतने शानदार ढंग से हिट करना बड़ी उपलब्धि है।

नासा डार्ट प्रोजेक्ट के जरिए यह पता लगाना चाहता था कि क्या एस्टेरायड पर स्पेसक्राफ्ट की टक्कर का कोई प्रभाव पड़ता है या नहीं। इससे उसकी दिशा और रफ्तार पर कोई असर पड़ता है या नहीं। वैज्ञानिकों का मानना है कि स्पेस क्राफ्ट की टक्कर से डिमॉरफोस पर असर जरूर पड़ा है। उनका मानना है कि इस टक्कर से एस्टेरायड को थोड़ा धक्का लगा होगा और बड़े एस्टेरायड डिडिमोस के चारों ओर उसकी कक्षा सूक्ष्म रूप से बदली होगी। पृथ्वी और अंतरिक्ष में टेलीस्कोप इस परिवर्तन का माप लेने जा रहे हैं।

नासा लाइवस्ट्रीम के प्रशासक बिल नेल्सन ने कहा, “मेरा मानना ​​​​है कि इस मिशन से हम सीख सकेंगे कि एस्टेरायड से हमारे ग्रह की रक्षा कैसे की जाए। मैं वास्तव में ऑब्सजर्वेटरी में क्या चल रहा है, इसके बारे में जानने के लिए उत्सुक हूं ताकि हमें इस एस्टेरायड की कक्षा में होने वाले परिवर्तनों का पता चल सके। इस मिशन के साथ, हम दिखा रहे हैं कि ग्रहों की रक्षा एक वैश्विक प्रयास है और हमारे ग्रह को बचाना बहुत संभव है।”

इस मिशन से एस्टेरायड की स्थिति में हुए बदलाव की रिपोर्ट आना अभी बाकी है। आने वाले दिनों में वैज्ञानिक डिडिमोस प्रणाली का अध्ययन करेंगे। इसमें जमीन पर मौजूद ऑब्जरवेटरी के साथ डिमोर्फोस की कक्षा में परिवर्तन और अंतरिक्ष दूरबीनों द्वारा प्रभाव का अध्ययन किया जाएगा। वैज्ञानिकों को इसमें एलआईसीआईएक्यूब, हबल और वेब से टकराव की तस्वीरें भी मिल सकती हैं।

-एजेंसी