देश के सभी हिंदुओं को जगाने के लिए और उन्हें एकजुट होने के लिए प्रसिद्ध अभिनेता मुकेश खन्ना ने मुहिम छेड़ दी है। उनका कहना है कि हिंदुस्तान में हिंदुओं का एक दिन भी अपना नहीं है। जुमा के दिन नमाज़ है, सन्डे का मास है, हिन्दूओं के पास क्या है?
मुकेश खन्ना अपने बेबाक और बिंदास बयानों के लिए जाने जाते हैं, उनका कहना है कि विश्व के अधिकतर धर्मों में हफ्ते का एक दिन अपने ईश्वर का ध्यान करने के लिए निर्धारित है। जिस तरह इस्लाम में जुमे के दिन नमाज़ पढ़ी जाती है। इसी तरह ईसाई रविवार को चर्च जाते हैं। सन्डे को बड़ी संख्या में क्रिश्चियन चर्च में जमा होते हैं। उनके धर्म मे संडे मास की बड़ी अहमियत होती है। संडे मास के दौरान बाइबल पढ़ी जाती है।
मुकेश खन्ना चाहते हैं कि उसी तरह हफ्ते में एक दिन हिन्दू अपने लिए फिक्स करें और ईश्वर को याद करें। इस सिलसिले में उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी शेयर किया है जो चर्चा में है। मीडिया से बात करते हुए मुकेश खन्ना ने बताया कि हिंदुओं को जागृत करने के लिए और उन्हें एकजुट होने के लिए मैंने यह वीडियो शेयर किया है। मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी धर्म एकजुट हैं मगर हिंदुओं में एकता नही है। जैसे यह बात अक्सर होती है कि कोई नहीं कहता है कि मैं इंडियन हूँ लोग कहते हैं कि मैं जैन हूँ, मराठी हूँ गुजराती हूँ बिहारी हूँ। हिन्दू अपने धर्म को धर्म नहीँ मानते, वे कहते हैं कि हिन्दू धर्म नहीं वे ऑफ लाइफ है। हिंदुओं की मां मंदिर जाती है और बच्चे कहते हैं मम्मी मुझे खेलने जाना है तो उसे कह दिया जाता है कि जाओ खेलो, यह नहीं होना चाहिए। बच्चों को पकड़ कर मंदिर ले जाना होगा। कई बार लोग मुझसे कहते हैं कि आप सभी मुद्दे पर बिंदास बोलते हैं, इंडस्ट्री का कोई बंदा नहीं बोलता, आपने ड्रग्स और पोर्नोग्राफी के विरुद्ध बोला, आप ऐसा क्यों करते हैं? मैं कहता हूं कि मुझे कोई चिंता नहीं है कि मुझे फिल्मे, सीरियल्स मिलेंगे या नहीं। मैंने कहा था कि एकता कपूर ने महाभारत का सत्यानाश कर दिया।
मुकेश खन्ना आगे कहते हैं कि इस वीडियो का एक ही उद्देश्य है कि हिन्दू अपने लिए हफ्ते में एक दिन तय करे, मैंने उन्हें हनुमानजी के दिन मंगलवार को सजेस्ट किया है, जिस तरह तमाम मुसलमान जुमे के दिन नमाज़ अदा करते हैं, क्रिश्चियन हर रविवार को मास करते हैं। उसी तरह तमाम हिन्दू आधे एक घन्टे के लिए एक साथ अपने अपने क्षेत्र के मंदिरों में जाइये। जब एक साथ सौ करोड़ हिन्दू जुटेंगे तो उनमें एकता और एकजुटता सम्भव हो पाएगी।
वह यह भी कहते हैं “हमारे देश मे काफी अज्ञानता है, अशिक्षा है और उसी का खमियाजा पूरे देश को भुगतना पड़ रहा है। अशिक्षा हमारे देश की सबसे बड़ी समस्या है, सभी भारतीयों का शिक्षित होना जरूरी है। एजुकेशन को फ्री कर देना चाहिए ताकि सभी शिक्षा हासिल कर सकें। बच्चों को छठी कक्षा से गीता पढ़ाना चाहिए। ब्रिटिश गवर्नमेंट द्वारा बनाए गए सिलेबस को अब बदलने की आवश्यकता है। कोर्स की किताबो में मुगल शासकों के बारे मे अधिक पढ़ाया गया जबकि झांसी की रानी, महाराणा प्रताप, चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह, अशफाकुल्ला खान जैसी हस्तियों के बारे में ज्यादा नहीं पढ़ाया गया। क्रांतिकारियों को उनका दर्जा नहीं दिया गया, मैं उसके लिए भी लड़ रहा हूँ। आज तक क्रांतिकारियों के परिवार वाले गरीबी की हालत में रहते हैं जबकि शर्म आनी चाहिए कि उन्होंने अपने देश के लिए अपनी जान की कुर्बानी दी दी। अगर आप चंद्रशेखर आजाद को भारतरत्न देंगे तो वह भारतरत्न का सम्मान होगा।
-up18news/अनिल बेदाग़-