आगरा में मेट्रो ट्रैक पर दौड़ने वाली पहली मेट्रो ट्रेन भी पहुंच गई है। सोमवार को विधि विधान के साथ इस मेट्रो ट्रेन की अनलोडिंग की गई। मेट्रो डिपो में मेट्रो ट्रेन की अनलोडिंग का कार्यक्रम किया गया। विधि विधान और पूजा अर्चना के साथ मेट्रो ट्रेन की अनलोडिंग की गई।
इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश मेट्रो कॉरपोरेशन के एमडी सुशील कुमार, मंडलायुक्त आगरा अमित कुमार, जिला अधिकारी नवनीत चहल मुख्य रूप से मौजूद रहे। बताते चलें कि आगरा शहर में तेजी के साथ मेट्रो का काम चल रहा है। एलिवेटेड स्टेशन जहां बनकर तैयार हो गए हैं उनकी फिनिशिंग का काम चल रहा है तो वहीँ अंडरग्राउंड स्टेशन बनाने का काम भी तेजी पर है।
छह स्टेशनों पर दौड़ेगी मेट्रो
6 किलोमीटर लंबे इस मेट्रो रेल कॉरिडोर का काम अपने निर्धारित समय में पूरा हो जाएगा और साल 2024 की शुरुआत तक आगरा में लोगों को मेट्रो ट्रेन की सर्विस मिलनी शुरू हो जाएगी। अंडर ग्राउंड मेट्रो स्टेशन बनाने का कार्य पूरा हो जाने के बाद आगरा की मेट्रो प्राथमिक रूप से 6 स्टेशनों पर दौड़ती हुई नजर आएगी।
आगरा मेट्रो का ये कॉरिडोर 6 किलोमीटर लंबा है, जो पूर्वी ताज गेट को जामा मस्जिद से जोड़ता है। इस गलियारे में तीन एलीवेटेड मेट्रो स्टेशन ताज पूर्वी गेट, बसाई मेट्रो स्टेशन और फतेहाबाद रोड मेट्रो स्टेशन होगा। इसके अलावा इस गलियारे में जो तीन भूमिगत स्टेशन होंगे वे हैं-ताज महल, आगरा किला और जामा मस्जिद।
मेट्रो डिपो में ही होगी टेस्टिंग
उत्तर प्रदेश मेट्रो कॉरपोरेशन के एमडी सुशील कुमार ने बताया आगरा मेट्रो डिपो में ही मेट्रो ट्रेन की टेस्टिंग की जाएगी। इसी में टेस्टिंग ट्रैक बनाया गया है और वर्चुअल स्टेशन भी है। इसी ट्रैक पर पहले मेट्रो को दौड़ाया जाएगा। इस ट्रैक पर 35 किलोमीटर प्रति घंटा हिसाब से मेट्रो दौड़ सकती है। इससे अधिक रफ्तार लगभग 80 से 90 तक की टेस्टिंग मेट्रो डिपो के बाहर ट्रैक पर की जाएगी। एक मेट्रो में लगभग 974 यात्री सफर कर सकेंगे।
आगरा मेट्रो में होंगी ये दस विशेषताएं
आगरा मेट्रो ट्रेनें आधुनिक फायर और क्रैश सेफ्टी युक्त डिजाइन की गई हैं। प्रत्येक मेट्रो ट्रेन में 24 सीसीटीवी कैमरे होंगे, इससे घटना का बचाव करने में सहायता मिलेगी। इनकी फुटेज ट्रेन आपरेटर और डिपो में बने सिक्योरिटी रूम में पहुंचेगी।
प्रत्येक ट्रेन में 56 यूएसबी चार्जिंग प्वाइंट और 36 एलसीडी पैनल्स भी होंगे। मेट्रो ट्रेनों में टाक बैक बटन की सुविधा भी दी गई है, जिससे इमरजेंसी कंडीशन में यात्री ट्रेन आपरेटर से बात कर सकें।
आटोमेटिक ट्रेन (Automatic Metro Train) आपरेशन के तहत ये ट्रेनें संचारित आधारित ट्रेन नियंत्रण प्रणाली से चलेंगी। वायु प्रदूषण कम करने को ट्रेनों में मार्डन प्रापल्सन सिस्टम होगा।
सभी ट्रेनों को रीजनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम से लैस किया गया है, ताकि ब्रेक लगाए जाने से उत्सर्जित 45 फीसद ऊर्जा को फिर से इस्तेमाल किया जा सके।
ट्रेनों में कार्बन-डाई-आक्साइड सेंसर आधारित एयर कंडीशनिंग सिस्टम भी दिया गया है, जो ट्रेन में मौजूद यात्रियों की संख्या के हिसाब से चलेगा और ऊर्जा की बचत करेगा।
मेट्रो का बुनियादी ढांचा बेहतर और सुंदर दिखाई दे इसके लिए मेट्रो ट्रेनें तीसरी रेल से ऊर्जा प्राप्त करेंगी, ताकि इसमें खंभों और तारों के सेटअप की आवश्यकता न पड़े।