मथुरा। उत्तरप्रदेश में उर्दू, सिन्धी तथा पंजाबी आदि भाषाओं की अकादमी स्थापित होने और तुलनात्मक रूप से अधिक समृ़द्ध होने पर भी ब्रजभाषा अकादमी स्थापित न होने के कारण ब्रजभाषा के साहित्यकार, कवि व कलाकारों में असन्तोष व्याप्त था। इसी को लेकर मथुरा में पद्मश्री मोहन स्वरूप भाटिया ने सूरदास अकादमी की स्थापना की घोषणा की।
पद्मश्री मोहन स्वरूप भाटिया ने बताया कि वह विगत 30 वर्षों से उत्तर प्रदेश में अन्य भाषाओं की अपेक्षा तुलनात्मक रूप से ब्रजभाषा के अधिक समृद्ध होने भी पर ब्रजभाषा अकादमी की स्थापना हेतु प्रयासरत थे।
मथुरा में सूरदास अकादमी की स्थापना की घोषणा अभी प्रथम चरण में है। अन्य अकादमियों के समान उत्तर प्रदेश स्तर पर ब्रजभाषा अकादमी की स्थापना का उद्देश्य दूरगामी होगा।
सूरदास ब्रजभाषा अकादमी की स्थापना की घोषणा पर डॉ. राजेन्द्र कृष्ण अग्रवाल, वन्दना श्री, डॉ.सीमा मोरवाल, शालिनी शर्मा, अनुपम गौतम, एन. एम. चतुर्वेदी, सी. पी. शर्मा , राधा गोविन्द पाठक, श्याम सुन्दर शर्मा ‘अकिंचन’, मोहन लाल मोही, गोपाल प्रसाद उपाध्याय, हरी बाबू ओम, स्वामी हरि वल्लभ शर्मा, उपेन्द्र त्रिपाठी, जितेन्द्र विमल आदि ने फोन द्वारा अथवा व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर पद्मश्री मोहन स्वरूप भाटिया द्वारा किये गए अनवरत् प्रयासों हेतु बधाई दी तथा अभी इस दिशा में और प्रयास किए जाने की आवश्यकता हेतु सहयोग का आश्वासन प्रदान किया है।
-pr
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