मराठा आरक्षण आंदोलन: मनोज जरांगे के खिलाफ दो केस दर्ज, SIT गठित

Regional

सीएम और गृहमंत्री को पड़ेगा भारी: जरांगे

राज्य सरकार के एक्शन पर मनोज जरांगे ने भी प्रतिक्रिया दी है। सोमवार को उन्होंने पुलिस शिकायतों के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘अगर मुझ पर मुकदमा चलाना चाहते हैं तो मुझे कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन ऐसा करके वे खुद परेशानी को आमंत्रित करेंगे। लोग नाराज होंगे और मुख्यमंत्री और गृहमंत्री को परिणाम भुगतने होंगे। अब यह फैसला उनको करना है…।’’

मनोज जरांगे ने आज कहा, “मैं कहीं भी गलत नहीं हूं और कही भी फंस नहीं सकता हूं… जांच में मैं भी सारे खुलासे करूंगा… मैं मराठों के लिए काम कर रहा हूं। कभी भी कहीं भी जांच के लिए आने के लिए तैयार हूँ..” उन्होंने कहा, अगर वे अभी कहेंगे तो मैं सलाइन के साथ जांच के लिए आऊंगा।

मनोज जरांगे ने राज्य के उपमुख्यमंत्री फडणवीस पर रविवार को बेहद गंभीर आरोप लगाये। जरांगे ने बीजेपी नेता फडणवीस के लिए ओछी भाषा का भी इस्तेमाल किया। उन्होंने फडणवीस पर उनकी हत्या की कोशिश करने का आरोप लगाया।

सरकार के साथ विपक्ष

मनोज जरांगे के आरोपों को लेकर महाराष्ट्र विधानसभा में आज हंगामा हुआ। बीजेपी विधायक आशीष शेलार ने मराठा नेता जरांगे पर कार्रवाई की मांग की। इस मांग पर नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार, कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोराट समेत कई नेताओं ने समर्थन जताया। जिसके बाद स्पीकर राहुल नार्वेकर ने गृह विभाग को जरांगे के आरोपों की जांच के लिए एसआईटी गठित करने का निर्देश दिया।

ईडी से जांच की मांग

इस दौरान विधानसभा में बीजेपी विधायक प्रवीण दरेकर आक्रामक हो गए। इस पर बोलते हुए दरेकर ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा मराठा समुदाय को आरक्षण देने के बाद भी राज्य में अशांति और अराजकता फैलाई जा रही है। इस साजिश के पीछे के मास्टरमाइंड का पता लगाया जाए और इस मामले में केस दर्ज कर एसआईटी से जांच कराई जाए। उपमुख्यमंत्री के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देने वाले मनोज जरांगे के खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए और उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए।

दरेकर ने यह भी मांग की है कि ईडी को जांच में शामिल करना चाहिए। जरांगे की सभाओं के लिए इतनी बड़ी रकम कहां से आई? उन वित्तीय लेन-देन की जांच ईडी से करायी जानी चाहिए।

मालूम हो कि महाराष्ट्र विधानमंडल ने एक-दिवसीय विशेष सत्र के दौरान सर्वसम्मति से एक अलग श्रेणी के तहत शिक्षा और सरकारी नौकरियों में मराठों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने वाला विधेयक पारित किया। लेकिन जरांगे अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के तहत मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग पर अड़े हुए हैं। साथ ही कुनबी मराठों के ‘रक्त संबंधियों’ को भी आरक्षण का लाभ देने की मांग कर रहे है। जरांगे का कहना है कि मराठा समुदाय को अलग से 10 प्रतिशत आरक्षण देने वाला विधेयक कोर्ट में टिक नहीं पाएगा।

-एजेंसी