कांग्रेस अध्यक्ष के प्रस्तावित चुनाव को निष्पक्ष और स्वतंत्र तरीक़े से कराने के दावे पर पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने कई सवाल उठाए हैं. तिवारी ने ट्विटर पर इस बारे में अपनी राय ज़ाहिर की है.
ट्विटर पर कांग्रेस पार्टी में चुनाव करवाने की प्रक्रिया के प्रमुख मधुसूदन को टैग करते हुए मनीष तिवारी ने मिस्त्री से पूछा है कि जब पार्टी की मतदाता सूची सार्वजनिक रूप से उपलब्ध ही नहीं है, तो यह चुनाव निष्पक्ष और स्वतंत्र कैसे हो सकता है.
तिवारी ने कहा है कि निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव के लिए ज़रूरी है कि मतदाताओं के नाम और पते कांग्रेस की वेबसाइट पर पारदर्शी तरीक़े से प्रकाशित किए जाएं.
दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘‘आपके हवाले से यह कहा गया कि मतदाता सूची सार्वजनिक नहीं है, लेकिन पार्टी का कोई सदस्य इसे प्रदेश कांग्रेस समितियों के कार्यालय जाकर चेक कर सकता है. और जाहिर है यह मौक़ा उम्मीदवारों को नामांकन पत्र दाख़िल करने के बाद ही मिलेगा.’’
उन्होंने कहा है कि कांग्रेस कार्यसमिति ने पार्टी अध्यक्ष के चुनाव का ऐलान किया है, न कि 36 राज्यों की प्रादेशिक समितियों के अध्यक्ष का.
तिवारी ने पूछा है, ‘‘क्या किसी को मतदाता सूची की जानकारी जुटाने के लिए देशभर के पीसीसी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ेंगे. ऐसा तो क्लब चुनाव में भी नहीं होता इसलिए मैं निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव के लिए आपसे मतदाता सूची के पार्टी की वेबसाइट पर प्रकाशन की मांग कर रहा हूं.’’
चौथे ट्वीट में उन्होंने पूछा, ‘‘ऐसे में कांग्रेस का कोई नेता कैसे चुनाव लड़ने की सोच सकता है, जब उसे मतदाताओं के बारे में जानकारी ही नहीं होगी. नामांकन पत्र भरने के लिए भी उसे कांग्रेस के 10 सदस्यों को प्रस्तावक बनाना पड़ेगा. इसलिए उनके नाम पतों की जानकारी चाहिए. इसके अभाव में कांग्रेस चुनाव प्राधिकरण उनका नामांकन पत्र यह कह कर निरस्त कर सकता है कि प्रस्तावक पार्टी के वैध सदस्य नहीं हैं.’’
कांग्रेस के अध्यक्ष का चुनाव 17 अक्तूबर को होना है जबकि इसके परिणाम 19 अक्तूबर को आएंगे.
-एजेंसी