गणतंत्र दिवस: कर्तव्य पथ पर भव्य परेड में दिखाई दिया मेक इन इंडिया हथियारों का जलवा

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के-9 वज्र तोप

लद्दाख में चीनी सीमा के पास तैनात इन होवित्जर तोपों का निर्माण गुजरात के हजीरा में लार्सन एंड टूब्रो फैक्ट्री में किया गया है। यह हथियार ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारतीय सेना की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम है। 16,000 फीट की ऊंचाई तक के पहाड़ों में 50 किलोमीटर के लक्ष्य पर सफलतापूर्वक निशाना साधने में ये सक्षम हैं। रही हैं।

अर्जुन टैंक

मेन बैटल टैंक (MBT) अर्जुन ने भी सेना की ताकत बढ़ाई है। डीआरडीओ ने इस टैंक का निर्माण किया है। ये सटीक निशाना लगाने में माहिर है। इसलिए इसे महान धनुर्धर अर्जुन के नाम पर रखा गया है। इसके अलावा यह टैंक युद्ध क्षेत्र में बिछाई गई माइंस को साफ करते हुए आसानी से आगे बढ़ सकता है। केमिकल अटैक से बचाने के के लिए विशेष तरह के सेंसर लगे हैं।

नाग एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल

इस मिसाइल का निर्माण डीआरडीओ ने किया है। इसकी खासियत है कि ये मिसाइल बड़े टैंक्स को भी किसी भी मौसम में निशाना बना सकती है। इसमें इंफ्रारेड भी है, जो लॉन्च से पहले टारगेट को लॉक करता है और फिर हमला बोल देता है। लक्ष्‍य भेदने की इसकी क्षमता काफी सटीक है।

लड़ाकू हेलीकॉप्टर प्रचंड

हल्का लड़ाकू हेलीकॉप्टर LCH प्रचंड भी गणतंत्र दिवस पर मार्च का हिस्सा बना। स्वदेशी प्रचंड हेलीकॉप्टरों को जोधपुर में भारतीय वायुसेना में हाल ही में शामिल किया गया था। प्रचंड दुश्मन को चकमा देने, कई तरह के गोला-बारूद ले जाने और उसे तुरंत घटनास्थल पर पहुंचने में सक्षम है।

Compiled: up18 News