महाराष्ट्र का सियासी संग्राम: शिवसेना के बागी विधायक बोले, हम सीएम उद्धव के आचरण से तंग आ चुके थे

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महाराष्ट्र में जारी सियासी संग्राम के बीच शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने एक चिट्ठी के जरिए उद्धव ठाकरे के सामने बागी विधायकों की कई अहम बातें रखी हैं। एकनाथ शिंदे ने शिवसेना के एक बागी विधायक का पत्र शेयर भी किया है। जिसमें लिखा है, “राज्य में शिवसेना का मुख्यमंत्री होने के बावजूद पार्टी के विधायकों को मुख्यमंत्री आवास (वर्षा बंगला) जाने का मौका नहीं मिलता। सीएम के आसपास मौजूद लोग तय करते थे कि शिवसेना विधायक उनसे मिल सकते हैं या नहीं। हमें अपमानित महसूस हुआ।”

पत्र में लिखा है कि सीएम कभी सचिवालय में नहीं होते थे, बल्कि मातोश्री (ठाकरे पारिवारिक निवास) में रहते थे। हम सीएम के आस-पास के लोगों को फोन करते लेकिन वे कभी हमारे कॉल्स नहीं उठाते थे। हम उनके इस आचरण से तंग आ चुके थे। इसके बाद ही एकनाथ शिंदे को यह कदम उठाने के लिए राजी किया।

आगे लिखा है, “जब हम सीएम से नहीं मिल पाए लेकिन ‘असली विपक्ष’ कांग्रेस और एनसीपी के लोगों को उनसे मिलने का मौका मिलता था और यहां तक ​​कि उन्हें उनके निर्वाचन क्षेत्रों में काम के लिए फंड भी दिया जाता था।” शिव सेना के विधायक द्वारा लिखे गये पत्र में कहा गया है कि जब हिंदुत्व और राम मंदिर पार्टी के लिए अहम मुद्दे हैं तो पार्टी ने हमें अयोध्या जाने से क्यों रोका। आदित्य ठाकरे की अयोध्या यात्रा के दौरान विधायकों को बुलाया गया और अयोध्या जाने से रोक दिया गया।

वहीं एकनाथ शिंदे ने एक एक निजी न्यूज़ चैनल से बात करते हुए कहा, “अभी हमारे पास शिवसेना और निर्दलीय विधायकों को मिलाकर 50 से अधिक MLA का सपोर्ट है। इसमें शिवसेना के 40 से अधिक विधायक हैं।” अगले कदम के सवाल पर शिंदे ने कहा, “विधायकों के साथ हमारी एक बैठक होगी, उसके बाद आगे की रणनीति तय होगी।”

भाजपा में शामिल होने के बाद महाराष्ट्र में नई सरकार बनाने की शर्त पर एकनाथ शिंदे ने कहा कि इस तरह की हमारी किसी से भी कोई बात नहीं हुई है। हमारे विधायकों के साथ मीटिंग के बाद ही हम कोई फैसला लेंगे। हमारे सामने किसी ने कोई शर्त भी नहीं रखी है।

बुधवार को उद्धव ठाकरे द्वारा की गई भावनात्मक अपील पर उन्होंने कहा कि मैं इस पर कुछ नहीं कहना चाहता। विधायकों के साथ चर्चा करने के बाद ही कुछ बोल सकूंगा। वहीं एकनाथ शिंदे को विधायकों के अलावा शिवसेना के सांसदों का भी समर्थन मिल रहा है। इसपर शिंदे ने कहा कि मैं 16-17 साल की उम्र से ही शिव सैनिक हूं। मैं कैसे काम करता हूं ये पूरा महाराष्ट्र जानता है। जिसको लग रहा है कि शिंदे ने अच्छा फैसला लिया है वो हमसे जुड़ रहा है।

शिंदे ने कहा कि मुझे कई फोन आ रहे हैं कि आपने जो फैसला लिया है वो शिवसैनिकों के हित का है। हमारे जो विधायक, कार्यकर्ता हैं जो पिछले ढाई साल से तकलीफ में है, उन्हें लगता है कि शिंदे ने ठीक फैसला लिया है, तो उनका स्वागत है। लेकिन मैं किसी के बारे में कुछ नहीं कहना चाहूंगा।

संजय राउत द्वारा संघर्ष जारी रहने की बात पर एकनाथ शिंदे ने कहा कि संजय राउत जी हमारे नेता हैं, उनका जो फैसला है, वहीं ले सकते हैं, इस पर मैं क्या बोल सकता हूं। शिंदे ने कहा कि हम बालासाहेब के सैनिक हैं, उनके विचारों से हमने कभी समझौता नहीं किया। हमारी मांग भी यही है कि बालासाहेब की हिंदुत्व वाली शिवसेना से कभी समझौता नहीं होना चाहिए।

-एजेंसियां