महाराष्ट्र के CM एकनाथ शिंदे पद संभालने के बाद पहली बार दिल्ली पहुंचे। यहां उन्होंने डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस के साथ पीएम मोदी से मुलाकात की। इससे पहले सीएम शिंदे और उनके डिप्टी ने गृहमंत्री अमित शाह, जेपी नड्डा, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की थी। शिंदे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा- एमवीए (महाविकास अघाड़ी) सरकार के तहत हमारे विधायकों का अस्तित्व खतरे में आ गया था, तब हम बोल नहीं सकते थे इसलिए हमने यह कदम उठाया। भाजपा और शिवसेना का स्वाभाविक गठबंधन ही महाराष्ट्र को आगे ले जा सकता है।
उन्होंने यह भी कहा कि मेरी सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी और हम अगला चुनाव भी जीतेंगे। विकास के लिए हमने ये सरकार बनाई है। जो काम 2.5 साल पहले होना था वो अब हुआ है। आज हम PM नरेंद्र मोदी से मिलेंगे और महाराष्ट्र के विकास के लिए उनका विजन जानेंगे। उन्होंने शपथ के वक्त कहा था कि महाराष्ट्र को कोई भी कमी नहीं होगी।
कैबिनेट विस्तार पर आषाढ़ी पूजन के बाद करेंगे फैसला
इस दौरान महाराष्ट्र में बनने वाली नई सरकार पर तीनों नेताओं के बीच चर्चा हुई। शिंदे खेमे के एक दर्जन से ज्यादा लोगों को मंत्री बनाया जा सकता है। उद्धव सरकार के वर्तमान 8 मंत्री शिंदे के साथ उनके विद्रोह में शामिल हुए थे। ऐसे में इन सभी को एक बार फिर मंत्री बनाया जा सकता है।
वहीं CM शिंदे की प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के लिए शनिवार शाम का समय रखा गया है। शिंदे को पुणे में आषाढ़ी एकादशी पूजा में शामिल होना है। इसलिए वे शनिवार को ही पुणे रवाना होंगे।
राष्ट्रपति कोविंद से भी मिले थे दोनों नेता
शनिवार सुबह एकनाथ और देवेंद्र फडणवीस ने BJP राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात की। शुक्रवार को दोनों नेताओं ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी मुलाकात की थी। एकनाथ और देवेंद्र ने राष्ट्रपति भवन पहुंचकर रामनाथ कोविंद सहित बाकी नेताओं को भी भगवान विट्ठल की मूर्तियां दीं।
भाजपा को गृह, वित्त और राजस्व विभाग मिलने की संभावना
एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार ने सोमवार को 164-99 के अंतर से फ्लोर टेस्ट जीता था, जिससे उनकी सरकार का बहुमत साबित हुआ और राज्य के मुख्यमंत्री और शिवसेना के नेता के रूप में उनकी स्थिति मजबूत हुई। नई सरकार में मंत्रियों एवं उनके विभागों का बंटवारा होना है। शिंदे सरकार में करीब 54 मंत्री बनाए जा सकते हैं।
भाजपा के कोटे से 25 और शिंदे गुट से 13 विधायकों को मंत्रीमंडल शामिल किया जा सकता है। इसके बाद बची हुई बाकी सीटों पर निर्दलीय विधायकों को मंत्री पद की जिम्मेदारी दी जा सकती है।
-एजेंसियां