आगरा: पर्यटक से लूट और टिकटों की कालाबाजारी, देश-दुनिया में साबित हो रही है साहब आपकी लाचारी

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आगरा: शहर में पर्यटकों के साथ हो रही वारदातें देश-दुनिया में ताजनगरी की छवि धूमिल कर रही हैं। वारदात करने वाले यह भूल जाते हैं कि उनके द्वारा की गई वारदात का असर पूरे पर्यटन व्यवसाय पर पड़ता है। एक ओर आगरा किले पर टिकटों की कालाबाजारी की शिकायतें निरन्तर मिल रही हैं। तो दूसरी ओर पर्यटकों को लूटने और ठगने के काम भी जारी हैं।

मंगलवार की शाम शहर में सक्रिय एक ऑटो गैंग ने बेल्जियम के पर्यटक को निशाना बना लिया। लुटेरे पर्यटक का ट्रॉली बैग, 8000 यूरो (भारतीय मुद्रा में लगभग छह लाख 32 हजार रुपये), लैपटॉप, कैमरा और मोबाइल फोन ले गए। पर्यटक ने देर शाम थाना सदर पहुंचकर घटना की जानकारी दी।

बेल्जियम के पर्यटक शिल्वा दिल्ली से ट्रेन से मथुरा तक आए थे। इसके बाद मथुरा से बस में बैठ कर वे आईएसबीटी तक पहुंच गए। यहां से वह ऑटो में बैठे। ऑटो चालक से उन्होंने किसी पांच सितारा होटल में ले चलने को कहा था। मगर ऑटो चालक उन्हें होटल ले जाने के बजाय शहर में घुमाता रहा। करीब एक घंटे बाद वह कैंट रेलवे स्टेशन के आसपास पहुंचा। वहां ऑटो चालक ने बाइक सवार दो साथियों को बुला लिया।

बाइक सवार साथी पर्यटक का ट्रॉली बैग और बैग लूटकर वहां से भाग गए। इसके बाद ऑटो चालक भी वहां से चला गया। काफी देर तक पर्यटक इधर-उधर उनकी तलाश में भटकता रहा। देर शाम सदर थाने पहुंचकर पर्यटक ने पुलिस को घटना की जानकारी दी। पर्यटक घबराया हुआ था, इसलिए उसकी बात समझने में पुलिस को काफी समय लग गया। देर रात इस संबंध में सदर थाने में लूट का मुकदमा दर्ज कर लिया गया।

एसपी सिटी विकास कुमार का कहना है कि बेल्जियम के पर्यटक से लूट हुई है। पर्यटक को साथ लेकर घटनास्थल की सही जानकारी की जा रही है। उसके परिवारीजनों से भी संपर्क किया गया है। सीसीटीवी फुटेज से लुटेरों का सुराग तलाशने की कोशिश की जा रही है।

आगरा किले में टिकटों की कालाबाजारी

उधर, विश्व विरासत स्मारक आगरा किले के टिकटों की कालबाजारी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो कुछ दिन पहले एक सैलानी द्वारा बनाई गई थी जिसमें देखा जा सकता है कि आगरा किले के टिकट काउंटर पर बैठकर एक युवक किस तरह से टिकटों की ब्लैक मार्केटिंग कर रहा है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग और आगरा विकास प्राधिकरण की नाक के नीचे आगरा किले के टिकटों की कालाबाजारी की जा रही है।

ऑनलाइन टिकट बुकिंग सिस्टम में टिकट बुक कराने के बाद दाम बढ़ा कर स्मारक की टिकटों को बेचा जा रहा है। एएसआई की वेबसाइट से पहले ताजमहल और अन्य स्मारक की टिकट बुक करने पर पर्यटक आईडी की आवश्यकता होती थी। ऑनलाइन टिकट में हर पर्यटक का पूरा ब्यौरा दर्ज होता था। लेकिन अभी एएसआई ने जो ऑनलाइन टिकट बुकिंग की व्यवस्था की है। उसमें किसी भी आईडी की जरूरत नहीं है।

पर्यटकों की संख्या कम होने से लपकों ने अपना ट्रेंड बदल दिया है। अब वे एएसआई की इसी खामी का कालाबाजारी करने वाले लाभ उठा रहे हैं। एक साथ बड़ी संख्या में ताजमहल और अन्य स्मारक की टिकट बुकिंग करके फिर महंगे दामों पर पर्यटकों को बेचते हैं।

कार्रवाई नहीं हुई तो करेंगे लाइसेंस सरेंडर

इस बीच ताजमहल पर लपकों और गाइडों के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। लपकों से परेशान गाइडों ने कार्रवाई न होने पर अपने लाइसेंस सरेंडर करने की बात कही है। इसके लिए विश्व पर्यटन दिवस तक का अल्टीमेटम दिया गया है।

एप्रूव्ड टूरिस्ट गाइड एसोसिएशन के अध्यक्ष शम्सुद्दीन ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में गाइड बुरी तरह प्रभावित रहे। अब जब हालात सही हुए हैं तो गाइड उस स्थिति से उबरने की कोशिश में हैं। ताजमहल पर लपके और गुंडे गाइडों को काम नहीं करने दे रहे। शिकायत करने के बाद भी उन पर कार्रवाई नहीं होती है। अगर विश्व पर्यटन दिवस तक प्रशासन ने लपकों पर सख्त कार्रवाई नहीं की तो सभी गाइड अपने लाइसेंस सरेंडर करने पर मजबूर होंगे।

एप्रूव्ड गाइड एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा कि लपकों की समस्या के लिए एएसआई की सबसे ज्यादा जिम्मेदार है। एएसआई के लचर रवैए के चलते ही लपके ताजमहल व अन्य स्मारकों पर बेखौफ काम कर रहे हैं। शिल्पग्राम पार्किंग के ठेकेदार की लपकों से मिलीभगत के चलते समस्या बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि शिल्पग्राम पार्किंग में गाइड आफिस बनवाने को डीएम प्रभु नारायण सिंह कोशिश की थी, लेकिन वो योजना भी परवान नहीं चढ़ सकी।

टूरिस्ट गाइड्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक दान ने कहा कि लपकों की गुंडागर्दी को लेकर डीएम, एसएसपी, आईजी, एडीजी और प्रमुख सचिव पर्यटन तक को अवगत कराया जा चुका है। सभी ने जल्द कार्रवाई के आश्वासन दिए, लेकिन समस्या का समाधान आज तक नहीं हुआ। एसोसिएशन द्वारा लपकों को संरक्षण देने वालों की सूची तैयार कर मुख्यमंत्री को सौपने की तैयारी है।

साभार- संजय तिवारी