प्रवचन: अपने अंदर के भस्मासुर को करें भस्मः जैन मुनि डा.मणिभद्र महाराज

Religion/ Spirituality/ Culture

आगरा ।जैन मुनि राष्ट्र संत नेपाल केसरी डा.मणिभद्र महाराज ने कहा कि आज हमारी स्थिति भस्मासुर की तरह हो गई है, हम अपनी स्थिति परिस्थिति को भूल कर छल, कपट में लग गए हैं और पूजा, उपासना के फल को भी नहीं जानते।

न्यू राजामंडी के महावीर भवन में आयोजित चातुर्मास में उत्तराध्ययन सूत्र के 8 वे अध्याय का वाचन करते हुए जैन संत ने भस्मासुर का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि हम निरंतर उपासना करते हैं, पूजन करते हैं लेकिन उसके फल की ओर ध्यान नहीं देते। बल्कि जो साधक हैं उनके अहंकार हो जाता है और उनकी इच्छाएं बढ़ जाती हैं। संपूर्ण विश्व की संपत्ति हमें मिल जाए, ऐसी चाहत हो जाती है। जीवन में  आवश्यकताएं तो बहुत सीमित हैं, लेकिन हमने बढ़ा ली हैं।

जैन मुनि ने कहा कि क्रोध से हमारी प्रीति समाप्त हो जाती है, लोग प्रेम करना बंद कर देते हैं, हमें भी कोई अच्छा नहीं लगता। इसी प्रकार अभिमानी के जीवन से विनय समाप्त हो जाती  है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार भस्मासुर अपनी तपस्या को भूल कर नारी के प्रति आसक्त हो गया और उसे भगवान विष्णु ने चालाकी के भस्म कर दिया।

गुरुवार की धर्मसभा में राजेश सकलेचा, नरेश चप्लावत, संजीव जैन, नरेंद्र सिंह जैन, सुरेश जैन, आदि उपस्थित थे।

-up18news