जानिए! जयपुर के हवा महल से जुड़ी वो दिलचस्प बातें, जो आपको नहीं पता होंगी

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कोई एंट्रेंस नहीं

दरअसल, हवा महल सिटी पैलेस का ही एक हिस्सा था इसलिए बाहर से इसका कोई एंट्रेंस गेट नहीं बनाया गया। आपको हवा महल जाने के लिए सिटी पैलेस की तरफ से ही प्रवेश करना होता है।

953 खिड़कियां

इसे पैलेस ऑफ विंड्स के नाम से भी जाना जाता है। इस महल में 953 खिड़कियां हैं। इन्हें इसलिए बनाया गया है ताकि हवा महल के अंदर आसानी से आ सके।

महिलाओं के लिए

आपको शायद न पता हो, लेकिन हवा महल को खासतौर से राजसी महिलाओं और उनकी दासियों के लिए बनाया गया था। उस समय महिलाएं खुलेआम किसी अवसर में शामिल नहीं हो सकती थीं इसलिए वो इन खिड़कियों में से नीचे हो रहे आयोजनों का आनंद लेती थीं।

रहने के लिए नहीं बनाया गया

आपको शायद यह पता न हो कि हवा महल को रहने के मकसद से नहीं बनाया गया था। राजसी महिलाएं कुछ विशेष मौकों पर यहां खिड़कियों से आयोजनों का आनंद लेती थीं। रानियां अपनी दासियों के साथ सिटी पैलेस से यहां आया करती थीं।

महल के अंदर तीन मंदिर

ज्यादातर लोगों को नहीं पता कि महल के अंदर तीन मंदिर बने हुए हैं। जिन्हें गोवर्धन मंदिर, प्रकाश मंदिर और हवा मंदिर के नाम से जाना जाता है। पहले लोग गोवर्धन कृष्ण मंदिर में भगवान कृष्ण के दर्शन के लिए आते थे लेकिन अब यह मंदिर बंद है।

बिना नींव के खड़ा है महल

आपको जानकर हैरत होगी, कि हवा महल बगैर नींव का बना दुनिया का सबसे ऊंचा महल है।

कोई सीढ़ियां नहीं

हवा महल 5 मंजिला इमारत है। आज भी ऊपर तक जाने के लिए कोई सीढ़ियां नहीं है। ऊपर जाने के लिए आपको केवल रैंप मिलेगा।

हवा मंदिर के नाम पर रखा गया नाम

महल का नाम हवा मंदिर नाम के एक मंदिर के नाम पर रखा गया है। यह मंदिर आज भी इस महल के अंदर बना हुआ है।

Compiled: up18 News