जीवन साथी को पाने के लिए हंसते-हंसते कोड़े खाती है हैमर जनजाति की महिलाएं

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दुनियाभर के रहस्‍यों को अपने अंदर समेटे अफ्रीका की हैमर जनजाति की महिलाएं जीवन साथी को पाने के लिए हंसते-हंसते कोड़े खा जाती हैं। इनकी यह अजीब प्रथा सदियों से चली आ रही है।

अफ्रीका में ऐसी कई प्रजातियां रहती हैं जिनकी परंपराएं बाकी दुनिया से बेहद अलग होती हैं लेकिन इथियोपिया की हैमर जनजाति (Hamer Tribe) में किया जाने वाला उकुली तुला आयोजन शायद सबसे ज्यादा आश्चर्यजनक होता है। इस समारोह में लड़के अपने शादी के लायक होने का सबूत देते हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि इसमें शामिल होने वाली लड़कियां और महिलाएं अपनी मर्जी से कोड़ों से पीटी जाती हैं। यही नहीं, अगर वे पिटने से बच जाएं तो खुद आगे आकर पीटे जाने की मांग करती हैं।

हैमर जन‍जाति का ‘उकुली तुला’ समारोह सबसे खास

इनकी संस्कृति मवेशियों पर बहुत अधिक निर्भर करती है। हैमर जनजाति में बुल जंपिंग समारोह उकुली तुला का आयोजन किया जाता है। यह इस जनजाति का सबसे बड़ा और पवित्र संस्कार होता है। यह संस्कार हैमर जनजाति के लिए जीवन बदलने वाली घटना का प्रतीक होता है। इसी संस्कार के दौरान किसी व्यक्ति को विवाह करने की अनुमति दी जाती है। इस संस्कार के दौरान यह निर्धारित किया जाता है कि क्या एक युवा हैमर आदमी अपने समाज में शादी की जिम्मेदारी और परिवार का पालन-पोषण करने के लिए योग्य है या नहीं। जो युवा इस समारोह को सफलतापूर्वक पास कर लेता है उसे ही शादी करने की इजाजत दी जाती है। उकुली तुला आमतौर पर फसल समय (जुलाई से मार्च ) के बाद आयोजित की जाती है। पूरे दिन चलने वाले कार्यक्रम का सबसे शानदार हिस्सा दोपहर में शाम चार बजे के बाद शुरू होता है।

खून निकलने तक मर्जी से कोड़े खाती हैं लड़कियां

उकुली तुला के लिए कुंवारे लड़कों के परिवार ऐसे रिश्तेदारों, पड़ोसियों और दोस्तों के घर सूखे घास की रस्सी से बना निमंत्रण भेजते हैं, जिनके घर में कन्याएं होती हैं। यह समारोह कई दिनों की दावत के साथ समाप्त होता है जिसमें कूदते हुए नृत्य करना, शर्बत से बनी बीयर और कॉफी भी शामिल होते हैं। इसमें कुंवारी लड़कियां अपने बालों और शरीर को मक्खन से ढककर रखती हैं। वे नाचती-गाती हैं और सीटी बजाकर कुंवारे लड़कों का हौसला बढ़ाती हैं।

उकुली तुला में 15 गायों या बैलों को एक साथ खड़ा कर दिया जाता है और शादी करने के इच्छुक युवक को कूदते हुए इन्हें पार करना होता है। इसमें फेल होने वाले लड़के की शादी नहीं होती और औरतों का एक समूह उसे जमकर पीटता है। यही नहीं, उस लड़के के घर की सभी औरतों को तब तक पीटा जाता है, जब तक शरीर से खून न निकल आए। जो लड़का इस संस्कार को पूरा कर लेता है, उसे उसकी मनपसंद की लड़की से विवाह करने का अधिकार प्राप्त हो जाता है।

माजा’ से कोडे़ मारने के लिए व‍िनती करती हैं महिलाएं

इसकी एक प्रथा बेहद अजीब होती है जिसमें महिलाओं को पीटा जाता है। इसके लिए लोगों को बुलाया जाता है जो पंख, हार और कंगन के साथ अपने शरीर को सजाकर रखते हैं। वे अपने एक हाथ में लंबी पतली, लचीली शाखाओं को छड़ी के रूप में अपने हाथों में पकड़े हुए होते हैं और दूसरे हाथ में कोड़े पकड़े रहते हैं। वे शादी की इच्छुक सभी लड़कियों, औरतों को छड़ी और कोड़े से पीटते हैं। हैरान करने वाली बात है कि इस पूरे घटनाक्रम में कोई भी महिला या लड़की भागती नहीं है। जो महिलाएं या लड़की मार खाने से बच जाती हैं वह पवित्र संगठन ‘माजा’ समूह से मार खाने की विनती करती हैं।

‘कोड़े और छड़ी खाने से महिलाओं में बढ़ता है प्‍यार’

इन महिलाओं का मानना है कि मार खाने से शरीर पर जख्म बनते हैं जो कि उनके लिए किसी आशीर्वाद से कम नहीं है। वहीं, माजा पुरुषों का मानना होता है कि कोड़े और छड़ी मारने से महिलाओं में प्रेम करने की क्षमता बढ़ती है। इसमें विधवा महिलाएं भी हिस्सा लेती हैं ताकि वह अपने लिए अच्छा साथी चुन सकें। इस समारोह में जो महिला सबसे ज्यादा घाव सहती है उसकी शादी सबसे नौजवान पुरुष से होती है। यह पिटाई तब तक होती है जब तक औरतों के शरीर से खून न निकल आए। शादी के बाद भी इन महिलाओं को उनकी इच्छा से तब तक मारा जाता है, जब तक उनके दो बच्चे न हो जाएं।

चाकू से काटकर टैटू बनाते हैं हैमर जनजाति के पुरुष

हैमर इथियोपिया की ओमोटिक या ओमिक समुदाय से जुड़े होते हैं। हैमर चरवाहे होते हैं और उनकी जीविका और संस्कृति मवेशियों के इर्द-गिर्द रहती है और वे कृषि का कार्य भी करते हैं। वे रंगीन कंगन और मोतियों को अपने बालों, कमर और बांहों पहनते हैं। हैमर अपने शरीर को किसी तेज धार चाकू से काट के टैटू बनाते हैं और शरीर के घाव को राख और चारकोल के साथ सुखाते हैं। हैमर जनजाति में विवाहित महिलाएं गोलाकार हार पहनती हैं। हैमर जनजाति में पुरुष बाल या गहने पहनते हैं जो किसी दुश्मन या जानवर की पिछली हत्या का संकेत देते हैं।

-एजेंसियां