जानिए! ब्रेन फॉग के लिए घर पर बिजली के झटके क्‍यों ले रहे हैं लोग?

Life Style

ब्रेन फॉग से छुटकारा पाने के लिए कुछ लोग एट-होम ब्रेन स्टिमुलेशन तकनीक अपना रहे हैं। इसमें घर पर ही शरीर को बिजली के झटके दिए जाते हैं, ताकि दिमाग की रफ्तार पहले जितनी तेज हो जाए। तकनीक में सिर पर इलेक्ट्रोड जोड़े जाते हैं। इनसे दिमाग तक धीरे-धीरे इलेक्ट्रिक शॉक पहुंचता है। वैज्ञानिकों की मानें तो इसकी साइंस अभी अर्ली स्टेज में है। ब्रेन स्टिमुलेशन 2010 के दशक से ही इस्तेमाल में आया है।

बुजुर्गों पर हुई रिसर्च

पिछले साल अगस्त में नेचर न्यूरोसाइंस जर्नल में इसको लेकर एक स्टडी भी पब्लिश हुई थी। इसमें 65 से 88 साल की उम्र के 150 लोगों को शामिल किया गया। इन्हें किसी न किसी तरह का न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर था। इन्हें 20 मिनट के लिए हफ्ते में 4 दिन झटके दिए गए। ऐसा एक महीने तक चला। स्टडी में शामिल वैज्ञानिकों का कहना था कि कुछ समय बाद अस्पतालों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि घरों तक पहुंचने लगेगा। यह हकीकत में हो भी रहा है।

कैफीन जैसे इस्तेमाल हो सकती है तकनीक

रिसर्चर्स का कहना है कि यह तकनीक भविष्य में कैफीन जैसे इस्तेमाल हो सकती है। यानी आज जिस तरह ब्रेन एक्टिविटी को बढ़ाने के लिए लोग कॉफी या चाय पीते हैं, उसी तरह एक दिन अपने दिमाग को झटके देंगे। फिलहाल घर पर ब्रेन स्टिमुलेशन तकनीक को इस्तेमाल करने वाले यूजर्स का कहना है कि उन्हें इससे फायदा हो रहा है। उनका दिमाग पहले से ज्यादा अलर्ट बन गया है।

ब्रेन स्टिमुलेशन तकनीक को आमतौर पर अस्पतालों में डॉक्टर्स की देखरेख में आजमाया जाता है। आज घर पर हो रहे इसके इस्तेमाल ने हेल्थ एक्सपर्ट्स की चिंता बढ़ा दी है। पेनसिलवेनिया यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर ऐना वेक्सलर ने कहा- घर पर ब्रेन स्टिमुलेशन के जरिए मेंटल हेल्थ डिसऑर्डर्स को ठीक करने का ट्रेंड बढ़ा है। इसमें डिप्रेशन और एंग्जाइटी सबसे ऊपर हैं।

यूजर्स एट-होम ब्रेन स्टिमुलेशन डिवाइस को दिन में दो बार इसे 20 मिनट के लिए इस्तेमाल करते हैं। हावर्ड मेडिकल स्कूल के डॉक्टर माइकल फॉक्स का कहना है कि लोगों के लिए घर पर मेंटल हेल्थ का इलाज करना एक्साइटिंग है, इसलिए यह ट्रेंड बढ़ रहा है। हालांकि, इसके कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। इनमें खुजली, झुनझुनी और त्वचा जलना शामिल है। तकनीक को मेडिकल सुपरविजन में उपयोग करना ही सही है।

– एजेंसी