जानिए क्यों चर्चा में है 2016 में दिया गया चार्ल्स शोभराज का इंटरव्‍यू, और उसका भारत से क्या है संबंध?

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इस इंटरव्यू के तहत उसने 2003 में नेपाल के एक कैसीनो से अपनी गिरफ्तारी के बाबत बात की और जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अज़हर के साथ अपनी मुलाकातों का ज़िक्र किया.

शोभराज ने कहा कि साल 2000 से 2003 के बीच उसने पाकिस्तान की कई यात्राएं कीं और मसूद से मुलाकात की थी.

चार्ल्स शोभराज ने बताया- “देखिये, आप इसके बारे में पहले से ही जानती हैं… इंडियन एयरलाइंस अपहरण की घटना (1999 में) के बाद जब मसूद अज़हर की रिहाई हुई तो ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ ने उस समय भारत सरकार से मेरी भूमिका का ज़िक्र किया था.”

शोभराज ने उस इंटरव्यू में बताया था, ”जसवंत सिंह (उस वक्त विदेश मंत्री) मेरे सीधे संपर्क में थे. सबसे पहले उन्होंने पेरिस में मुझसे मिलने के लिए एक दूत भेजा. इस मुलाकात और जसवंत सिंह से बातचीत के बाद मैंने मसूद की पार्टी हरकत उल अंसार के लोगों से संपर्क किया.”

इंटरव्यू में शोभराज आगे कहता है- ”बेशक, मसूद ने यात्रियों को छोड़ने से इंकार कर दिया लेकिन मैं उससे ये वादा करवाने में सफल रहा कि 11 दिनों तक वो यात्रियों को नुकसान नहीं पहुंचाएगा. इसके बाद वो उनकी हत्या कर देगा.”

उसने कहा, ”मैंने जसवंत सिंह को फोन किया और कहा मेरी राय में 11 दिनों तक तो यात्रियों को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा इसलिए भारत के पास बातचीत के लिए 11 दिन हैं. दरअसल, प्लेन कंधार में था और भारत सरकार के पास यात्रियों को बचाने के लिए मसूद अजहर की रिहाई के अलावा कोई चारा नहीं था.”

उसने आगे बताया, ”जसवंत सिंह को रिपोर्ट करने के कुछ दिनों बाद उन लोगों ने मुझे फोन किया और कहा कि वे मसूद के साथ बैठे हैं. उन्होंने मुझसे कहा कि मैं मसूद से बात करूं और उससे कहूं के वे अपने लोगों को पैसेंजर्स को छोड़ने के लिए कहें. मैंने सीधा मना कर दिया.”

‘मैंने कहा कि मसूद नहीं मानेगा. इसके साथ ही मुझे ये भी लगता है कि 11 दिनों के बाद वो यात्रियों को मारना शुरू कर देंगे.”

शोभराज ने कहा, ”ये लोगों को पता नहीं है कि उस कॉल के बाद मेरी जसवंत सिंह से लंबी बातचीत हुई. मैंने उन्हें दूसरा उपाय सुझाया. इसके मुताबिक भारत सरकार आधिकारिक तौर पर पर ये वादा करे और संसद से सहमति लेकर मसूद को छह महीने में रिहा कर दिया जाएगा. मैं इस शर्त पर हरकत उल अंसार से बातचीत की पूरी कोशिश करूंगा.

जसवंत सिंह ने कहा कि वो कैबिनेट से इस बारे में मशविरा करेंगे लेकिन आखिर में उन्होंने मसूद को छोड़ने का विकल्प चुना. आप इस बात की पुष्टि के लिए जसवंत सिंह से पूछ सकते हैं.”

“मुझे अभी भी ये लगता है कि अगर सरकार ने उसे छह महीने मे रिहा करने वाला विकल्प मान लिया होता तो शायद मैंने हरकत उल अंसार को इसे मानने के लिए राज़ी कर लिया होता.”

शोभराज ने उस इंटरव्यू में कहा था कि 2000 से 2003 के बीच वो कई बार पाकिस्तान की यात्रा कर चुका था. इस दौरान उसकी मुलाकात मसूद से हो चुकी थी.

शोभराज ने ये इंटरव्यू 15 अगस्त 2016 को ई-मेल के जरिये दिया था.  उस वक्त तक शोभराज को लगने लगा था कि उनकी रिहाई होने ही वाली है.

हालांकि उसने ये शर्त रखी थी कि ये इंटरव्यू उसके काठमांडू जेल से रिहा होने के बाद प्रकाशित किया जाए लेकिन इसके बाद भी उसकी रिहाई टलती ही रही. 2017 में उनकी हार्ट सर्जरी हुई और उसके बाद कोविड का दौर आ गया.

Compiled: up18 News