बीयर की एक कैन 52 रुपये में और रम की एक बोतल सिर्फ 350 रुपये में? माजरा क्या है जानिए!

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बीयर की एक कैन 52 रुपये में और रम की एक बोतल सिर्फ 350 रुपये में? ऐसे समय में जब महंगाई ने सबकी कमर तोड़ दी है, ड्राई स्‍टेट गुजरात में शराब की कीमतें नहीं बढ़ीं।

इससे पहले कि आप चीयर्स कहें, यह शराब का बाजार भाव नहीं है। यह राज्य के पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज की गई शराब की कीमत है क्योंकि सरकार ने पिछले 20 वर्षों में कागज पर शराब की दरों में कोई बदलाव किया ही नहीं है।

हाल ही में गांधीनगर में की गई एक जब्ती में, प्राथमिकी में दर्ज ब्रांडेड व्हिस्की की तीन बोतलों की कीमत मात्र 1,125 रुपये या 750 मिलीलीटर की एक बोतल के लिए 375 रुपये थी। हालांकि परमिट की दुकानों में इस व्हिस्की का बाजार भाव फिलहाल 540-600 रुपये प्रति बोतल है। पुलिस विभाग शराब की बिक्री में फैक्टरिंग से चूक गया क्योंकि वे अभी भी राज्य के आबकारी और मद्य निषेध विभाग के 28 दिसंबर 2002 को जारी अधिसूचना का पालन कर रहे हैं।

2002 के अनुसार दर्ज हो रही कीमत

अधिसूचना के अनुसार भारतीय निर्मित विदेशी शराब (आईएमएफएल) और आयातित शराब के विभिन्न ब्रांडों की कीमत 52 रुपये से 850 रुपये के बीच है। इन वर्षों में इन ब्रांडों की बाजार दर में एक बड़ी वृद्धि दर्ज की गई है। इनकी कीमत अब 190 से 1,900 रुपये तक है।

पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक देसी शराब की कीमत भी पिछले 20 साल से 20 रुपये प्रति लीटर पर स्थिर बनी हुई है। हालांकि, राज्य के विभिन्न हिस्सों में इसकी कीमत वर्तमान में 50 रुपये से 80 रुपये प्रति लीटर के बीच है।

मद्य निषेध विभाग के सूत्रों ने बताया कि पूर्व में आईएमएफएल, आयातित शराब और देशी शराब की दरों में हर 3-4 साल में संशोधन किया जाता था। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा क‍ि इन दरों का उपयोग तब छापे के दौरान जब्त किए गए स्टॉक का मूल्यांकन करने के लिए किया गया था। 1999 के बाद 2002 में शराब की दरों को लेकर एक आदेश जारी किया गया था। तब से कोई संशोधन नहीं हुआ है नतीजतन पुलिस कीमतों के आधार पर जब्त किए गए स्टॉक की गणना करती है जो 20 साल पहले तय हुई थी।

कीमतों में कोई बदलाव नहीं

सूत्रों ने कहा कि संशोधित शराब की दरें यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक हैं कि दर्ज की गई प्राथमिकी में जब्त की गई शराब के मूल्य को दर्शाया जाए जो बाजार मूल्य के बराबर है।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा क‍ि 2002 और 2022 के बीच शराब की कीमतों में भारी अंतर भी कानूनी प्रक्रियाओं के दौरान समस्या पैदा कर सकता है।

गुजरात के डीजीपी आशीष भाटिया ने पुष्टि की कि हाल के वर्षों में शराब की कीमतों में संशोधन नहीं किया गया है। भाटिया ने कहा क‍ि हाल ही में हमें दरों में संशोधन का प्रस्ताव मिला है। राज्य निगरानी प्रकोष्ठ जल्द ही ऐसा कर सकता है।

गुजरात सरकार ने 2017 में नए और अधिक कड़े शराब कानूनों को अधिसूचित किया जो 2018 में लागू किए गए थे। हालांकि उसने शराब के बाजार मूल्य कीमतों में बदलाव नहीं किया। नए कानून के मुताबिक, शराब बनाने, खरीदने, बेचने या परिवहन करने के दोषी पाए जाने वालों को 10 साल तक की जेल और 5 लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। पिछले एक्ट में इस अवैध गतिविधि के लिए सिर्फ 3 साल की सजा थी। इसी तरह शराब की दुकान संचालकों के साथ-साथ उनकी मदद करने वालों को 10 साल तक की कैद का सामना करना पड़ता है।

-एजेंसियां