जानिए! क्या है डिजिटल अरेस्ट, कैसे देते हैं साइबर जालसाज लोगों को झांसा?

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जालसाज़ी करने वाले लोगों को ठगने के लिए अब Digital Arrest का सहारा ले रहे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि डिजिटल अरेस्ट होता क्या है और किस तरह से जालसाज़ी करने वाले लोगों को फंसाते हैं? आइए जानते हैं कि कैसे आप खुद को सुरक्षित रख सकते हैं.

इस लड़की को कॉल करने वाले ने खुद को TRAI का अधिकारी बताते हुए कहा कि आपके आधार का इस्तेमाल सिम खरीदने में हुआ है. इस सिम के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग को अंजाम दिया गया है, इसके बाद स्काइप पर वीडियो कॉल के जरिए लड़की को डराया धमकाया गया. क्या है डिजिटल अरेस्ट, कैसे देते हैं जालसाज लोगों को झांसा? आइए जानते हैं.

क्या है डिजिटल अरेस्ट

आसान भाषा में अगर आपको डिजिटल अरेस्ट का मतलब समझाएं तो जब किसी भी व्यक्ति पर वीडियो कॉलिंग के जरिए नजर रखी जाती है उसे डिजिटल अरेस्ट कहा जाता है. पीड़ित व्यक्ति को डराया धमकाया जाता है और वीडियो कॉलिंग से दूर नहीं होने दिया जाता, कुल मिलाकर पीड़ित व्यक्ति जहां भी है उसे डिजिटल माध्यम के जरिए एक ही जगह पर बैठे रहने पर मजबूर कर दिया जाता है.

डिजिटल अरेस्ट के वक्त पीड़ित व्यक्ति को किसी से बात करने और न ही कहीं जाने की परमिशन होती है और ये सिलसिला उस वक्त तक चलता है जब तक पीड़ित व्यक्ति सामने वाले व्यक्ति को पैसे देने के लिए मजबूर नहीं हो जाता.

जालसाज़ ऐसे देते हैं झांसा

साइबर क्राइम जैसी घटनाओं को अंजाम देने वाले जालसाज़ खुद को CBI, क्राइम ब्रांच और ईडी अधिकारी बताकर पीड़ित व्यक्ति को जांच के बहाने ऐप डाउनलोड कराते हैं. इसके बाद पुलिस जिस अंदाज में पूछताछ करती है, ठीक उसी तरह से पीड़ित व्यक्ति से पूछताछ होती है.

लोगों को जाल में फंसाने के लिए जालसाज़ मनी लॉन्ड्रिंग और ड्रग्स जैसे मामले में शामिल होने की बात कहते हैं, केवल इतना ही नहीं कई झूठों आरोप में फंसाने की बात कही जाती है. वो कहते न डर बहुत बड़ी चीज है, जालसाज़ लोगों के इसी डर का फायदा उठाकर लाखों रुपये ठगने में कामयाब हो जाते हैं, क्योंकि पीड़ित व्यक्ति जालसाज़ी करने वाली की बातों में फंसकर पैसे देने के लिए राज़ी हो जाते हैं.

Cyber Crime Helpline Number

अगर आपको भी साइबर क्राइम से जुड़े हेल्पलाइन का नंबर नहीं पता तो अभी अपने फोन में 1930 नंबर को सेव कर लीजिए. ये नेशनल साइबरक्राइम हेल्पलाइन नंबर है जिसपर कॉल कर शिकायत दर्ज करा सकते हैं.

ऐसे रहें सेफ

खुद को स्कैम और फ्रॉड जैसी घटनाओं से अपडेट रखें ताकि अगर कोई आपके साथ ऐसा कुछ भी करने का ट्राई करे तो आप पहले से ही अलर्ट हो और कोई आपको नुकसान न पहुंच पाए.

अगर आपको ऐसा कोई कॉल आए तो घबराना नहीं है, अगर ऐसा कोई भी लीगल मामला है तो उसे फॉर्मल प्रोसेस के जरिए आगे बढ़ाया जाता है न कि फोन पर धमाका डराकर.

अगर ऐसा कोई कॉल आए और कोई आपसे पैसे की मांग करे तो आपको पैसे ट्रांसफर नहीं करने हैं और न ही आपको बैंक अकाउंट या कार्ड डिटेल शेयर करनी है.

– एजेंसी