‘अगर आप रन्स नहीं बनाते तो हमें लगता है कि कुछ गड़बड़ है। हमें बस एक चीज दिखती है और वो है आपकी परफॉर्मेंस। अगर परफॉर्मेंस नहीं है तो ये उम्मीद मत रखिए कि लोग चुप रहेंगे। आपके बैट और आपकी परफॉर्मेंस को बोलना चाहिए, और किसी को नहीं।’
कपिलदेव ने पिछले दिनों विराट कोहली की ‘खराब फॉर्म’ पर यही कहा था। कपिल पाजी की बात बिल्कुल सही है कि रन नहीं बनाओगे तो लोग सवाल करेंगे ही। कोहली जितने कद के बल्लेबाज से हर सीरीज में शतक की उम्मीद होती है मगर वह ढाई साल से भी ज्यादा वक्त से शतक का सूखा झेल रहे हैं।
बर्मिंघम में इंग्लैंड के खिलाफ पांचवें टेस्ट में भी कोहली फिर ‘फ्लॉप’ साबित हुए। जाहिर था, फैन्स और कमेंटेटर्स भड़केंगे। यही हुआ। कोहली के खिलाफ उठती आवाजों के बीच एक आवाज थोड़ी बैलेंस्ड और लॉजिकल रही। इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेट ग्राएम स्वान को लगता है कि हाल के दिनों में कोहली को कुछ ज्यादा ही लताड़ दिया गया है। स्वान की बात में कुछ दम तो है। टेस्ट क्रिकेट में कोहली का औसत भले ही 50 से नीचे चला गया हो, उनके आंकड़े अब भी समकालीन बल्लेबाजों से कहीं बेहतर हैं।
एजबेस्टन टेस्ट: 11 और 20 रनों की पारियां
बर्मिंघम के एजबेस्टन स्टेडियम में भारत और इंग्लैंड की टीमें पांचवां टेस्ट खेल रही हैं। मैच भारत की मुट्ठी में है मगर उसमें कोहली का खास योगदान नहीं है। पहली पारी में मैटी पॉट्स की गेंद पर कोहली तय ही नहीं कर सके कि खेलना है या छोड़ना है। 11 रन बनाकर आउट हुए। दूसरी पारी आई, लगा कि कोहली रंग में हैं। चार चौके लगा चुके थे।
उम्मीद बढ़ रही थी कि कोहली आज कुछ बड़ा करेंगे लेकिन बेन स्टोक्स की एक बेहतरीन गेंद कोहली को छका गई। एक्स्ट्रा बाउंस और एक्स्ट्रा स्विंग जैसे हथियारों से लैस उस गेंद के सामने कोहली क्या, कोई और बल्लेबाज भी होता तो टिक नहीं पाता। गेंद ने बल्ले का एज लिया और सैम बिलिंग्स के दस्तानों से छिटककर फर्स्ट स्लिप में खड़े जो जो रूट के हाथों में समा गई। 40 गेंद में 20 रन बनाकर कोहली एक बार फिर पवेलियन की ओर बढ़े चले।
2021 में हुए इस सीरीज के शुरुआती चार मैचों में कोहली ने 231 रन बनाए थे। यानी 5 मैचों में कोहली ने टोटल 262 रन बनाए।
विराट कोहली ने 953 दिन से नहीं लगाया शतक
विराट कोहली ने इंटरनेशनल क्रिकेट में आखिरी शतक 22 नवंबर 2019 को बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट मैच में लगाया था। उन्हें शतक लगाए 953 दिन हो चुके हैं।
साल 2020 की शुरुआत से कोहली ने 18 टेस्ट खेले हैं। इस दौरान कुल 32 पारियों में उन्होंने 27.25 के औसत से सिर्फ 872 रन बनाए हैं। सिर्फ छह फिफ्टी लगाईं और चार बार 0 के स्कोर पर आउट हुए।
2019 के आखिर में विराट कोहली का टेस्ट औसत 54.98 था जो 1000 से ज्यादा रन बनाने वाले भारतीय बल्लेबाजों में बेस्ट था। अब उनका औसत गिरकर 49.5 हो गया है।
टेस्ट रैंकिंग्स: नंबर 1 से 10 पर लुढ़के कोहली
विराट कोहली साल 2018 में ICC टेस्ट रैंकिंग्स में सबसे ऊपर थे। 21 अगस्त 2018 को कोहली की टेस्ट रेटिंग 937 थी। ICC की वेबसाइट पर मौजूद लिस्ट में कोहली अब 10वें नंबर पर हैं। उनकी टेस्ट रेटिंग करीब 200 पॉइंट्स घटकर 742 पर आ गई है। 2018-19 वाले सत्र से ही विराट के लिए चीजें बिगड़ना शुरू हुईं। एक के एक सीरीज में विराट बड़ा स्कोर नहीं कर सके। बीच-बीच में अच्छी पारियां जरूर खेलीं मगर फैन्स की उम्मीदों के हिसाब से धमाका नहीं कर सके।
ओवरऑल एवरेज ठीक-ठाक लेकिन स्टैंडर्ड हाई
आखिरी शतक के बाद से कोहली ने इंटरनेशनल क्रिकेट के अलग-अलग फॉर्मेट्स में 75 पारियां खेली हैं। 36.89 के औसत से 2,509 रन बनाने के दौरान उन्होंने 24 फिफ्टी लगाई हैं। विराट कोहली का पिछले ढाई साल में सर्वाधिक स्कोर 94 (नाबाद) रहा है। ओवरऑल देखें तो विराट का प्रदर्शन औसत रहा है। वह ‘किंग कोहली’ वाली ख्याति के अनुरूप रन नहीं बना सके।
-एजेंसियां