जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जमानत पर रिहा आतंकी गतिविधियों में लिप्त पाए गए आरोपियों पर निगरानी रखने के लिए GPS एंकलेट का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। कश्मीर पुलिस ऐसा करने वाली देश की पहली पुलिस फोर्स बन गई है।
भारत में सबसे पहला GPS ट्रैकर हिजबुल मुजाहिद्दीन से जुड़े एक ऑपरेटिव गुलाम मोहम्मद को पहनाया गया है। गुलाम 2007 के टेरर फंडिंग केस में आरोपी है। GPS एंकलेट सिस्टम के तहत उसके टखने में लॉक पहनाया गया है। इसके बाद उसके मूवमेंट की ट्रैकिंग पुलिस कंट्रोल रूम से की जाएगी।
इस एंकलेट से फायदा क्या होगा
इस तरह के एंकलेट का इस्तेमाल अमेरिका, UK, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे देशों में जमानत, पेरोल और हाउस अरेस्ट (नजरबंद) आरोपी व्यक्तियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए किया जाता है। इससे जेलों में भीड़ कम होती है।
कौन है गुलाम भट, जिसे GPS ट्रैकर पहनाया गया
स्पेशल NIA कोर्ट जम्मू के आदेश के बाद पुलिस ने गुलाम भट को GPS ट्रैकर पहनाया है। गुलाम भट, उधमपुर में कई धाराओं समेत UAPA केस में आरोपी है। उसने अपनी जमानत के लिए याचिका लगाई थी। गुलाम को टेरर फंडिंग के ढाई लाख रुपए ले जाते हुए पकड़ा गया था।
गुलाम, हिजबुल मुजाहिद्दीन से जुड़ा है। आतंकी साजिश रचने के आरोप में NIA और दिल्ली पटियाला हाउस कोर्ट भी उसे दोषी ठहरा चुकी है और वह 12 साल की सजा काट चुका है।
जेल रिफॉर्म्स रिपोर्ट में सलाह दे चुका था मंत्रालय
इसी साल 24 अगस्त को मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स की पार्लियामेंट्री कमेटी ने भी जेल सुधारों पर एक रिपोर्ट पेश की थी। जिसमें उसने जमानत पर रिहा कैदियों के लिए कॉस्ट इफेक्टिव ब्रेसलेट या एंकलेट ट्रैकर बनाने के लिए टेक्नोलॉजी एक्सप्लोर करने का सुझाव दिया था।
Compiled: up18 News
Discover more from Up18 News
Subscribe to get the latest posts sent to your email.