कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के भतीजे मुबाशीर आजाद रविवार को भाजपा में शामिल हो गए और कहा कि वह “जमीनी स्तर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास कार्यों से प्रभावित हैं”।
गुलाम नबी आजाद के सबसे छोटे भाई लियाकत अली के बेटे मुबाशीर आजाद ने यह भी कहा कि उनके चाचा का कांग्रेस नेतृत्व द्वारा “अपमान” किया गया था, जिससे उन्हें दुख हुआ और उन्होंने भव्य पुरानी पार्टी के साथ संबंध तोड़ लिया। हालांकि, उन्होंने दावा किया कि उन्होंने अपने चाचा के साथ भाजपा में शामिल होने की योजना पर चर्चा नहीं की।
कांग्रेस के कद्दावर नेता गुलाम नबी आजाद के भतीजे मुबाशीर आजाद और उनके समर्थकों का जम्मू-कश्मीर भाजपा अध्यक्ष रविंदर रैना और पूर्व विधायक दलीप सिंह परिहार सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी में स्वागत किया। उनके भगवा पार्टी में शामिल होने को रैना ने एक ऐसा “टर्निंग पॉइंट” कहा जो चिनाब घाटी क्षेत्र के डोडा, किश्तवाड़ और रामबन जिलों के अधिक युवा कार्यकर्ताओं के लिए पार्टी में शामिल होने का मार्ग प्रशस्त करेगा।
उन्होंने कहा कि “भाजपा विपक्षी दलों के राजनीतिक नेताओं, हिंदू, मुस्लिम, गुर्जर, बकरवाल और पहाड़ी सभी समुदायों के सामाजिक कार्यकर्ताओं के शामिल होने के साथ तेजी से बढ़ रही है।” अप्रैल 2009 में आजाद के भाई गुलाम अली भी भाजपा में शामिल हुए थे।
इस मौके पर मुबाशीर आजाद ने कहा, “(कांग्रेस) पार्टी अंदरूनी कलह में उलझी हुई है… जबकि मोदी के नेतृत्व में लोगों के कल्याण का काम धरातल पर हो रहा है।” उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस ने जिस तरह (गुलाम नबी) आजाद, पार्टी के करिश्माई नेताओं में से एक और पूर्व मुख्यमंत्री के साथ व्यवहार किया, उससे आम जनता की भावनाओं को ठेस पहुंची है।
मुबाशिर ने कहा कि “प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के लिए उनकी सेवा के लिए उनकी प्रशंसा की लेकिन पार्टी ने उन्हें दरकिनार कर दिया।” बता दें कि आजाद जी-23 का हिस्सा थे, जो असंतुष्ट कांग्रेस नेताओं का एक समूह था, जिन्होंने अगस्त 2020 में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर एक संगठनात्मक बदलाव की मांग की थी।
-एजेंसी
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