आगरा: सम्मेद शिखर मामले को लेकर एमजी रोड़ पर भारी संख्या में एकजुट हुआ जैन समाज

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आगरा: झारखंड स्थित जैन तीर्थक्षेत्र सम्मेद शिखर को पर्यटन क्षेत्र घोषित किए जाने को लेकर जैन समाज का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार सुबह भारी संख्या में जैन समाज के लोग छीपीटोला मार्ग पर एकत्रित हुए और वहां से जिला मुख्यालय की ओर कूच किया। जैसे ही जैन समाज के प्रदर्शन की सूचना पुलिस और प्रशासन को हुई तो पुलिस व प्रशासन हरकत में आया। रकाबगंज थाना पुलिस के साथ-साथ एसीपी अर्चना सिंह मौके पर पहुंच गई। उन्होंने जैन समाज के लोगों को समझाने का प्रयास किया और मांग पत्र सौंपने की बात कही। इस दौरान इस प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे लोगों ने केंद्र सरकार तक उनकी मांग पहुंचाने की बात कही और ज्ञापन सौंपा।

सम्मेद शिखर यानी जैन समाज की तपोभूमि को बचाने के लिए जैन समाज के लोग सोमवार सुबह सड़कों पर उतर आए। हाथों में सम्मेद शिखर को बचाने को लिखकर लिखी हुई तख्तियां और जैन समाज का ध्वज सभी के हाथों में था। सभी ने धीरे-धीरे जिला मुख्यालय की ओर कूच किया। सैकड़ों की संख्या में जैन समाज के एकत्रित होने से पुलिस और प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। क्षेत्रीय पुलिस के साथ-साथ पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए। समाज को समझाने का प्रयास किया गया।

इस दौरान जैन समाज ने दो टूक शब्दों में कहा कि जब तक झारखंड सरकार सम्मेद शिखर यानी जैन समाज की तपोभूमि पर्यटन स्थल बनाए जाने का प्रस्ताव वापस नहीं लेगी, वह प्रदर्शन जारी रखेंगे। जैन समाज के लोगों का कहना है कि सम्मेद शिखर जैन मुनियों की तपोभूमि है। इस तपोभूमि को पर्यटन स्थल बनाने से यहाँ पर सभी प्रकार की गतिविधियां होंगी और यह तपोभूमि के लिए ठीक नहीं है। इस तपोभूमि को वह किसी भी कीमत पर घूमने फिरने का स्थान नहीं बनने देंगे।

जैन समाज के लोगों ने कहा कि सम्मेद शिखर पावन भूमि से 20 तीर्थंकरों ने तपस्या कर मोक्ष प्राप्त किया था। यह भूमि जैन श्रद्धालुओं के लिए अनादि काल से पवित्र रही है। पर्यटन का दर्जा होने से यहां पर मांस, मदिरा, शराब आदि का चलन हो जाएगा और उससे सम्मेद शिखर की पवित्रता नष्ट होगी।

जैन समाज के लोगों ने कहा कि शायद झारखंड सरकार पर बजट और पैसे दोनों की कमी हो गई है, इसीलिए तो सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित करके वह इसके माध्यम से पैसा और बजट दोनों जुटाना चाहती है। झारखंड सरकार को जैन समाज बता देना चाहता है कि जीएसटी के माध्यम से जैन समाज के न जाने कितने व्यापारी सरकार को टैक्स देते हैं। अगर सम्मेद शिखर को बचाने के लिए झारखंड सरकार को पैसा चाहिए तो जैन समाज का एक-एक व्यक्ति झारखंड सरकार को पैसा देने के लिए भी तैयार है।

मौके पर मौजूद एसीपी अर्चना सिंह ने जैन समाज के लोगों से वार्ता की। इसके बाद जैन समाज की ओर से किए जा रहे प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे लोगों से अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन लिया। उन्होंने इस ज्ञापन को राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संबंधित विभाग तक पहुंचाने का आश्वासन दिया।