कश्मीर पर ईरानी राष्ट्रपति की चुप्पी पाकिस्‍तान को थप्पड़ मारने जैसा: साजिद तरार

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साजिद तरार ने कहा कि पाकिस्तान में जो इस समय हो रहा है, उसे लेकर पाकिस्तानियों के साथ पूरी दुनिया कनफ्यूज है। कुछ दिनों पहले पाकिस्तान और ईरान एक दूसरे पर मिसाइल दाग रहे थे। फिर ईरान इजरायल और पूरे वेस्ट के साथ जंग के हालात में है। इस बीच ईरान के राष्ट्रपति पाकिस्तान में हैं, उससे पहले सऊदी और तुर्की का डेलिगेशन पाकिस्तान में आया था और कुछ दिनों पहले फाइनांस मिनिस्टर वॉशिंगटन डीसी गए थे। पूरा पाकिस्तान सिर्फ पैसा मांगने चला है।

पाकिस्तान के गिनाए फेलियर

साजिद तरार ने आगे कहा, ‘पाकिस्तान ज्यादातर सिर्फ मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग साइन करता है। कोई भी पैसा नहीं आता।’ इब्राहिम रईसी की यात्रा को लेकर उन्होंने कहा, ‘ईरानी राष्ट्रपति जब आए तो एयरपोर्ट पर विदेश मंत्री भी उन्हें रिसीव करने नहीं पहुंचे। ये पाकिस्तान का एक डिप्लोमैटिक फेलियर है।’

उन्होंने पाकिस्तान का दूसरा फेलियर गिनाते हुए कहा, ‘पता नहीं पीएम का एडवाइजर कौन है? जब पाकिस्तानी पीएम ने कश्मीर का जिक्र किया तो ईरानी राष्ट्रपति ने कोई रिएक्शन नहीं दिया। यह पहले से तय होना चाहिए था कि अगर हम कश्मीर पर कुछ कहेंगे तो आपको भी कहना होगा। अगर ईरान तैयार नहीं होता तो कश्मीर का जिक्र ही नहीं करना चाहिए था।’ ईरानी राष्ट्रपति की चुप्पी आपकी जमीन पर आकर थप्पड़ मारने जैसी है।

अफगानिस्तान कश्मीर से बड़ा मुद्दा

साजिद तरार ने आगे कहा कि पहले सवाल उठता था कि अगर कश्मीर का मुद्दा हल हो गया तो फिर सात लाख की फौज की जरूरत क्या होगी। लेकिन अब पाकिस्तान के लिए कश्मीर से बड़ा मसला अफगानिस्तान बनता जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि वह पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्तों को नहीं समझ पा रहे हैं। एक तरफ अमेरिका से पाकिस्तान पैसे भी मांग रहा है, दूसरी तरफ अमेरिका पाकिस्तान को प्रतिबंधों की धमकी देता है।

-एजेंसी