हिसार (हरियाणा), 11 दिसंबर: शनिवार को हिसार के मैय्यड़ में भूमि पूजन समारोह के दौरान स्वामी सहजानंद के सानिध्य में दिव्य महामृत्युंजय यंत्र की स्थापना की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया। इस समारोह में सेलिब्रिटी एस्ट्रोलॉजर प्रद्युम्न और हिसार की विधायक श्रीमती सावित्री जिंदल ने भूमि पूजन किया। इस अवसर पर कई प्रमुख व्यक्तित्वों ने भाग लिया, जिसमें सिद्ध महामृत्युंजय संस्थान की नवनियुक्त चेयरपर्सन एवं अंतर्राष्ट्रीय स्पिरिच्युअल हीलर सदगुरु माँ ऊषा भी शामिल थीं।
महामृत्युंजय यंत्र के उद्देश्य और महत्व पर प्रकाश डाला गया:
52 फीट ऊंचा, 52 फीट लंबा व 52 फीट चौड़ा विशाल महामृत्युंजय यंत्र – पवित्र महामृत्युंजय मंत्र के 52 अक्षरों की शक्ति का प्रतीक।इस विशेष भूमि पूजन समारोह में स्वामी सहजानंद का संकल्प एक बार फिर जीवित हुआ, जिसमें सिद्ध महामृत्युंजय यंत्र की स्थापना की योजना बनाई गई। यह यंत्र मानसिक शांति और सकारात्मकता फैलाने का कार्य करेगा, और यह पर्यावरण संरक्षण के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता करती हुई, सदगुरु माँ ऊषा ने इस यंत्र के प्रभाव को और उसकी प्रासंगिकता को विस्तार से बताया। उनका कहना था कि यह यंत्र न केवल मानसिक प्रदूषण को दूर करेगा, बल्कि आसपास के वातावरण को शुद्ध रखने में भी मदद करेगा।
सिद्ध महामृत्युंजय यंत्र की स्थापना की महत्वता:
सदगुरु माँ ऊषा ने कहा कि यह यंत्र स्वामी सहजानंद जी के जीवनभर के प्रयासों और आस्थाओं का परिणाम है। उन्होंने बताया कि इस यंत्र के अंदर एक ध्यान हॉल भी बनाया जाएगा, जहां साधक अपनी साधना कर सकेंगे। “यह यंत्र न केवल धर्म के पक्ष में होगा, बल्कि यह मानसिक शांति, स्वास्थ्य और पर्यावरण को भी बचाने में सहायक होगा,” उन्होंने कहा।
सदगुरु ने यह भी उल्लेख किया कि इस यंत्र की स्थापना से संबंधित सभी दान और अनुदान राशि का उपयोग पर्यावरण संरक्षण के लिए वृक्षारोपण में किया जाएगा। यह कदम प्रदूषण से निपटने और हरियाली बढ़ाने के लिए उठाया जाएगा।
महामृत्युंजय यंत्र को एक अंतर्राष्ट्रीय तीर्थ स्थल बनाने का संकल्प:
भूमि पूजन समारोह के दौरान सेलिब्रिटी एस्ट्रोलॉजर प्रद्युम्न ने भी अपने विचार व्यक्त किए, उन्होंने कहा कि इस स्थान की ऊर्जा देखकर यह साफ महसूस होता है कि आने वाले समय में यह सिद्ध महामृत्युंजय यंत्र एक बड़ा तीर्थ स्थल बन जाएगा, जो न केवल भारत से बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालुओं को आकर्षित करेगा।
नारी शक्ति सम्मान और समाज में योगदान:
इस अवसर पर, हिसार क्षेत्र की प्रमुख मातृशक्ति को नारी शक्ति सम्मान अवार्ड से सम्मानित किया गया। इन महिलाओं ने अपने कार्यों से समाज में उत्कृष्ट योगदान दिया है। समारोह में गोमती स्कूल की प्रिंसिपल मीना शर्मा, अंतर्राष्ट्रीय सितार वादक डॉ. रेनुका गंभीर और डॉ. बबली चाहर समेत अन्य महिला प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया।
सिद्ध महामृत्युंजय यंत्र से संबंधित अधिक जानकारी:
श्रीमती सावित्री जिंदल ने कहा, “महामृत्युंजय यंत्र सनातन संस्कृति को बढ़ावा देगा और श्रद्धालुओं के लिए एक पवित्र स्थल बनेगा। इसके दर्शन और परिक्रमा से उनके दुर्भाग्य का नाश होगा और वे लाभ प्राप्त करेंगे।”
सिद्ध महामृत्युंजय यंत्र की स्थापना, जो स्वामी सहजानंद के जीवनभर के आशीर्वाद और संकल्प का परिणाम है, न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
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