आगरा: ‘स्टेकहोल्डर्स आउटरीच प्रोग्राम’ में जुटे उद्योग जगत से जुड़े दिग्गज

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आगरा। एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) के जरिए लोकल से ग्लोबल ब्रांड बनाने की दिशा में हम अग्रसर हैं। केंद्र सरकार हर जिले को निर्यात का केंद्र बनाने की दिशा में कार्य कर रही है, इसके लिए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने प्रदेश सरकार के साथ संयुक्त पहल की है। यह बात भारत सरकार की वाणिज्य एवं उघोग राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने होटल हॉलिडे इन में ‘स्टेकहोल्डर्स आउटरीच प्रोग्राम’ में अपने सम्बोधन में कही। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के निर्देश पर कॉउन्सिल फॉर लेदर एक्सपोर्ट्स (सीएलई) द्वारा आयोजित इस आयोजन का शुभारम्भ मुख्य केंद्रीय वाणिज्य एवं उघोग राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल तथा विधि एवं न्याय राज्य मंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल ने दीप प्रज्वलित कर संयुक्त रूप से किया। इस मौके पर अतिथियों का स्वागत सीएलई के अध्यक्ष संजय लीखा, सीएलई के कार्यकारी निदेशक आर. सेल्वम, एफमेक अध्यक्ष पूरन डावर ने किया। उसके बाद भारत-यूएई एवं भारत-ऑस्ट्रेलिया के इकोनॉमिक और ट्रेड अनुबंधों पर सरकार के विभागीय अधिकारियों ने विस्तार से प्रकाश डाला। आयोजन में उत्तर प्रदेश सहित देश के कई प्रदेशों से आये प्रमुख उद्यमियों ने शिरकत की।

केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि देश के कुल निर्यात में अकेले उत्तर प्रदेश की पांच प्रतिशत भागीदारी है। एफटीए के माध्यम से प्रदेश व केंद्र सरकार बड़ी संख्या रोजगार का सृजन कर रही है। प्रदेश और देश सरकार मिलकर इन ट्रेड अनुबंधों के लाभ से उद्यमियों को अवगत कराने का कार्य लगातार कर रही है।

इस दौरान केंद्रीय विधि एवं न्याय राज्य मंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल ने केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के सामने आगरा की स्थानीय मुद्दों को बड़े प्रभावी तरीके से उठाया। उन्होंने कहा कि पिछले 15 साल से आगरा बीमारू जिले के रूप में अपनी पहचान रखता है। जो लोग अपने घर के पर्यावरण का ध्यान नहीं रखते हैं, वह प्रदेश के पर्यावरण की चिंता करते हैं। रिट दाखिल कर विकास के एजेंडे को प्रभावित करते हैं। विकास का पहिया न रुके इसके लिए केंद्रीय वाणिज्य मंत्री से उन्होंने कहा कि योजनाओं के सरलीकरण के माध्यम से आगरा के विकास से जुड़ी फाइलों का वह जल्द से जल्द निस्तारण करें। प्रो. बघेल ने इस दौरान एक आर्टिजन स्कूल या यूनिवर्सिटी स्थापित करने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि देश में कई व्यापार जाति विशेष पर केंद्रित हैं जैसे लकड़ी का काम एक विशेष जाति के लोग करते हैं तो जूते से जुड़ा एक अन्य जाति के, इन सभी के हुनर को निखारने के लिए एक आर्टिजन यूनिवर्सिटी या विद्यालय वाणिज्य मंत्रालय की पहल पर स्थापित किया जाए ताकि इनको प्रशिक्षित और व्यवस्थित तरीके किया जा सके। इस दौरान उन्होंने केंद्र व प्रदेश सरकार की नीतियों की प्रशंसा करते हुए मोदी और योगी सरकार को भारत का स्वर्णिम युग बताया।

ये हैं समझौतों के आंतरिक लाभ

भारत सरकार के व्यापार विभाग के संयुक्त सचिव एवं प्रदेश सरकार के नोडल अधिकारी अनंत स्वरूप ने भारत-यूएई एवं भारत-ऑस्ट्रेलिया के इकोनॉमिक और ट्रेड अनुबंधों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए इसके आंतरिक लाभ बताये। उन्होंने कहा कि आयात पर अब 5 प्रतिशत इम्पोर्ट ड्यूटी को खत्म कर दिया गया है अब खुलकर उद्यमी आयात कर सकते हैं। इस दौरान सीएलई के अध्यक्ष संजय लीखा ने एक प्रजेंटेशन के जरिए सरकार की नीतियों से उद्यमियों को रूबरू कराया।

भारत सरकार के व्यापार विभाग के संयुक्त सचिव डॉ. श्रीकर के. रेड्डी, संयुक्त डी.जी.एफ.टी अमित कुमार, ज़िलाधिकारी प्रभु एन. सिंह, सीएलई के अध्यक्ष संजय लीखा, एफमेक अध्यक्ष पूरन डावर, सीएलई के कार्यकारी निदेशक आर. सेल्वम ने मौजूद लोगों को ‘स्टेकहोल्डर्स आउटरीच प्रोग्राम’ से जुड़े तमाम मुद्दों पर अपने विचार रखे।

इस मौके पर भाजपा महानगर अध्यक्ष भानु महाजन, नेशनल चैंबर के अध्यक्ष शलभ शर्मा, सीएलई के सहायक निदेशक आर.के. शुक्ला, एफमेक उपाध्यक्ष गोपाल गुप्ता, महासचिव राजीव वासन, कुलबीर सिंह, स्क्वाड्रन लीडर एके सिंह, दीपक मनचंदा, जीतेन्द्र त्रिलोकानी, ओपिंदर सिंह लवली, लघु उद्योग भारती के दीपक अग्रवाल, विजय गुप्ता, राजीव बंसल, मनीष अग्रवाल, आगरा गारमेंट एसोसिएशन से विशाल अग्रवाल, संजीव अग्रवाल फूड प्रोसेसिंग एसोसिएशन से नितिन गोयल, रिपुदमन सिंह, राजेश गोयल, सीसीएलए के अजय शर्मा, बृजेश शर्मा आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे।