आकलैंड सामुदायिक व्यवसाय को संबोधित करते हुए भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि विश्व रूस-यूक्रेन युद्ध से ग्रसित है। उन्होंने अफगानिस्तान में तालिबान के अधिग्रहण को भी एक बड़ा मुद्दा बताया। दुनिया में दोहरे मापदंड और भारत की स्थिति पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि दोहरे मापदंड का चलन पुराना है।
उन्होंने आगे कहा, ‘पिछले कुछ वर्षों में हमने जो बदलाव देखे हैं उनमें से एक यह भी है कि अमेरिका अपने खुद के पुराने गठबंधन, संधि और रिश्ते से बाहर के देशों के साथ काम करने के लिए आगे बढ़ा है। उन्होंने आगे कहा कि आपके पास अदालत जैसे तंत्र हैं, जिसमें अमेरिका के लिए कुछ गठबंधन शामिल हैं। हालांकि भारत जैसा भी देश है जो ऐतिहासिक रूप से गठबंधनों और संधियों से दूर रहा है।
तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा भारत
विदेश मंत्री ने कहा कि 1970 और 1980 के दशक में प्रमुख निर्णय जी-7 देशों के द्वारा लिए जाते थे, लेकिन समय के साथ इसमें बदलाव हुआ और इसका केंद्र जी-20 (G20) देशों की ओर स्थानांतरित हो गया। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और इस दशक के अंत तक इसको दुनिया के तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद है।
कोरोना मापदंडों का उठाया मुद्दा
इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने न्यूजीलैंड समकक्ष नानाया महुता के साथ वार्ता की, जिसमें उन्होंने न्यूजीलैंड के द्वारा लागाए गए कोरोना मापदंडों का मुद्दा उठाया। मालूम हो कि न्यूजीलैंड के द्वारा लागाए गए कोरोना मापदंडों के कारण भारतीय छात्रों को वीजा लेने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत वैक्सीन के सबसे बड़े निर्माताओं में से एक है। भारत अपने देशवासियों को टीका लगाने के साथ ही अन्य देशों की भी मदद की है।
उन्होंने कहा कि ‘करोना महामारी के दौरान हम टीकों के सबसे बड़े निर्माताओं में से एक थे, और आज भी हैं। महामारी के दौरान जब हम अपने लोगों को वैक्सीन लगा रहे थे उसी दौरान हमने दूसरों की भी मदद करने का निर्णय लिया। हमने सबसे पहले उन देशों को प्राथमिकता दी जिनके पास मुफ्त वैक्सीन की सुविधा नहीं थी।’
-एजेंसी
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