चुनावों में दखलंदाजी के कनाडा के नए आरोपों को भारत ने सिरे से नकारा

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कनाडा की खुफिया एजेंसी ने लगाया आरोप

कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा यानी CSIS ने 4 अप्रैल को दस्तावेज जारी किए थे। जिसमें कहा गया कि भारत सरकार ने 2021 में कनाडा में अपनी प्रॉक्सी एजेंसी का उपयोग करने की कोशिश की थी। इसी तरह, पाकिस्तान सरकार ने भी 2019 में कनाडाई राजनीति को सीक्रेट तरीके से प्रभावित करने की कोशिश की थी। जैसा कि कनाडा की विदेशी खुफिया एजेंसी ने लिखा है।

रूस-चीन पर भी दखलअंदाजी का आरोप

कनाडा की खुफिया एजेंसी ने भारत-पाकिस्तान के अलावा रूस-चीन (Russia and China) समेत कई देशों पर उसके चुनावों में दखल देने का आरोप लगाया है। कनाडा इसकी जांच कर रहा है।

भारत ने आरोपों को खारिज किया

इधर भारत ने कनाडा के आरोपों को एक सिरे से नकार दिया है। भारत का कहना है कि कनाडा जो भी आरोप लगा रहा है वो निराधार हैं। कनाडा सिर्फ इसलिए आरोप लगा रहा है कि अभी अहम मुद्दा भारत के मामलों में कनाडा की दखलअंदाजी है। इसलिए मुद्दे से भटकाने के लिए कनाडा इस तरह के अनर्गल आरोप लगा रहा है।

दूसरे देशों में दखल करना भारत की नीति नहीं

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कनाडा के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि “हमने कनाडाई आयोग की जांच के बारे में मीडिया रिपोर्ट्स देखी हैं। हम कनाडाई चुनावों में भारतीय दखलअंदाजी के ऐसे सभी आधारहीन आरोपों को दृढ़ता से खारिज करते हैं। जयसवाल ने कहा कि दूसरे देशों की लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में दखल देना भारत सरकार की नीति नहीं है। बल्कि ये कनाडा है जो हमारे आंतरिक मामलों में दखल दे रहा है।

निज्जर की हत्या के बाद से खराब हुए संबंध

गौरतलब है कि जून 2023 में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की कनाडा में हत्या को लेकर भारत और कनाडा के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। कनाडा ने निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों के शामिल होने के आरोप लगाया है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इस आरोप के बाद ही भारत और कनाडा के बीच संबंध काफी खराब हो गए हैं।

-एजेंसी