भारत ने विश्वकप गंवाया, लेकिन हासिल किए कई ऐसे मुकाम जिनकी तलाश थी

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लगातार 10 मैचों में जीत का रिकॉर्ड

इस वर्ल्ड कप में अपने पहले मैच में ऑस्ट्रेलिया को हराने के साथ ही भारतीय टीम नें जीत का बेहतरीन सफ़र शुरू किया, जो फाइनल में जाकर ऑस्ट्रेलिया के हाथों ही टूटा.
इस दौरान भारतीय टीम ने 10 लगातार जीतें हासिल की, जो भारत का किसी भी एक आईसीसी वर्ल्ड कप में सबसे ज़्यादा लगातार जीत का नया रिकार्ड रहा.

इससे पहले 2003 और 2015 में भारतीय टीम ने लगातार आठ जीत हासिल की थी. वैसे किसी एक टूर्नामेंट में सबसे ज़्यादा 11 जीत का रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के नाम है जिन्होंने ये कारनामा 2003 और 2007 में करके दिखाया था.

विश्व कप 2023 में भारतीय जीत के सफ़र में एक और बात ने सबको भारतीय टीम का मुरीद बना दिया, वो था जीत का अंतर.

भारतीय टीम ना सिर्फ़ जीत रही थी, बल्कि बड़े अंतरों के साथ जीत रही थी और विपक्षी टीमों का मनोबल भी बुरी तरह से तोड़ रही थी.

पहले मैच में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को छह विकेटों से हराया, फिर दूसरे मैच में अफ़ग़निस्तान को भारत ने आठ विकेटों से धोया.

भारत ने अपना तीसरा मैच पाकिस्तान से सात विकेटों से जीता और 31वें ओवर में ही मैच ख़त्म कर दिया.

इसके बाद भारत को बांग्लादेश के ख़िलाफ़ सात विकेटों से जीत मिली. न्यूजीलैंड के साथ सबसे क़रीबी मुक़ाबला हुआ, जिसे भी भारत ने 4 विकेटों से जीत लिया.

इंग्लैंड के विरुद्ध भारतीय बैटिंग डगमगाई, लेकिन गेंदबाज़ों ने ये मैच भी भारत को 100 रनों से जिता दिया.

उसके बाद भारत को टूर्नामेंट की दो सबसे बड़ी जीतें मिली. श्रीलंका को भारत ने केवल 55 रनों पर आउट कर दिया और मैच 302 रनों से जीत लिया.

वहीं फ़ॉर्म में चल रही साउथ अफ्रीका भी भारत से 243 रनों से मैच हार गई. अपने आख़िरी लीग मैच में भारत ने नीदरलैंड्स को 160 रनों से हराया और फिर सेमी फ़ाइनल में भी न्यूज़ीलैंड पर 70 रनों की बड़ी जीत हासिल की.

हालाँकि, विश्व चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया की टीम बनी, लेकिन किसी को कोई शक़ नहीं था कि इस विश्व कप की सबसे मज़बूत टीम भारत की ही थी.

बॉलिंग में फ़ैब फ़ाइव

भारतीय टीम की सफलता में शानदार भूमिका टीम की गेंदबाज़ी ने निभाई. एक समय था जब भारतीय टीम की बैटिंग को को फ़ैब फाइव यानी जब़रदस्त पाँच के नाम से जाना जाता था.

तब भारतीय टीम में सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली, वीवीएस लक्ष्मण और वीरेंदर सहवाग एक साथ खेलते थे. इन्हें भारत की सबसे मज़बूत बैटिंग लाइन अप भी मानते हैं.

इस वर्ल्ड कप में भी एक बार फिर फ़ैब फ़ाइव की चर्चा हुई, लेकिन ये फ़ैब फ़ाइव बल्लेबाज़ नहीं बल्कि 5 बेमिसाल बॉलर रहे.

जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और मोहम्मद सिराज़ इस वर्ल्ड कप में सबसे ख़तरनाक पेस और सीम अटैक के बेताज बादशाह के रूप में उभरे. वहीं, रवींद्र जडेजा और कुलदीप यादव की जोड़ी सबसे ख़तरनाक स्पिन बॉलर्स के रूप में उभरी.

इंग्लैड के पूर्व क्रिकेटर नासिर हुसैन ने इन्हें फ़ैब फ़ाइव के नाम से संबोधित किया तो रिकी पोंटिंग ने इसे भारत का सर्वकालीन सबसे ख़तरनाक बॉलिंग अटैक बताया.

इस टूर्नामेंट में शमी ने सर्वाधिक 24 विकेट लिए, बुमराह ने 20, जडेजा ने 16, कुलदीप यादव ने 15 और सिराज ने 14 सफलताएँ हासिल की.

विश्वस्तरीय बैटिंग का ताज वापस जीता

भारतीय बल्लेबाज़ लंबे समय से दुनिया के अव्वल बल्लेबाज़ों में गिनती रखते हैं. इस वर्ल्ड कप में आईसीसी की वनडे रैंकिंग में भारत के शुभमन गिल ने पाकिस्तान के बाबर आज़म से आगे निकल कर पहला नंबर हासिल किया.
वहीं, विराट कोहली ने कई रिकॉर्डों से साथ एक ऐसा रिकॉर्ड बनाया, जिसे तोड़ना असंभव लगता है.

कोहली ने वनडे में अपने आदर्श सचिन तेंदुलकर के 49 शतकों के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ते हुए 50 शतक लगाया.
उन्होंने ये रिकॉर्ड मुंबई के खचाखच भरे स्टेडियम में सचिन तेंदुलकर और डेविड बेकहम जैसे खिलाड़ियों के सामने न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ सेमी फ़ाइनल मैच में बनाया.

कोहली और सचिन के बाद इस सूची में तीसरे नंबर पर 31 शतकों के साथ रोहित शर्मा हैं. टॉप फ़ाइव में रिटायर हो चुके रिकी पोंटिंग और सनथ जयसूर्या चौथे और पाँचवें स्थान पर हैं.

कोहली का ये रिकॉर्ड लंब समय तक क़ायम रहेगा और शायद कभी भी ना टूट पाए, जिस तरह टी20 क्रिकेट वनडे से आगे निकल चुकी है.

नंबर चार की समस्या का किया निदान

भारतीय टीम ने वर्ल्ड कप में अपनी बरसों की एक समस्या का निदान कर लिया. युवराज सिंह और सुरेश रैना के रिटायर होने के बाद भारतीय टीम को नंबर चार पर कोई भी सफल बल्लेबाज़ नहीं मिल पाया और ये समस्या लगभग 10 साल से भारतीय टीम को सालती रही.

इस नंबर पर भारत ने मनीष पांडे, अजिंक्या रहाणे, एमएस धोनी, केदार जाधव, अंबाती रायडू जैसे कई बल्लेबाज़ों को आजमाया लेकिन कोई भी इस नंबर पर जम नहीं पाया.

लेकिन इस वर्ल्ड कप में श्रेयस अय्यर ने शानदार बैटिंग करके नंबर चार को अपना बना लिया. उन्होंने विराट कोहली के साथ मिलकर कई बार भारतीय पारी को मुश्किल से निकाला, वहीं केएल राहुल के साथ उन्होंने आख़िरी ओवरों में ज़बरदस्त प्रहार करके टीम के स्कोर को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया.

श्रेयस अय्यर के टैलेंट पर किसी को शक नहीं था, लेकिन इस वर्ल्ड कप में उन्होंने अपनी मज़बूत मानसिकता का भी परिचय दिया. इसी तरह से इस टूर्नामेंट में भारत ने नंबर पाँच पर भी दुनिया के ज़बरदस्त खिलाड़ी को मौक़ा दिया.

इस टूर्नामेंट में केएल राहुल नंबर पाँच पर भारत के लिए खेलते हुए नज़र आए. इस पोजिशन पर दोनों ही खिलाड़ियों ने काबिलियत का उदाहरण दिया.

एक तरफ़ तो वो मुश्किल घड़ियों में टिककर खेलते हुए नज़र आए, तो दूसरी तरफ़ मौक़ा मिलने पर बड़े शॉट्स भी लगाए और वर्ल्ड कप में भारत के लिए सबसे तेज़ शतक भी पूरा किया.

Compiled: up18 News