वियतनाम की टेलीकम्युनिकेशन यूनिवर्सिटी को भारत ने 500 मिलियन की सौगात दी है। इससे दोनों देशों के आपसी रिश्ते बेहतर होंगे। इसके अलावा दोनों देशों ने सुरक्षा सहयोग में सन् 2030 तक के लिए साझा हस्ताक्षर भी किए हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वियतनाम की टेलीकम्युनिकेशन यूनिवर्सिटी को प्रशिक्षण साधन के लिए 500 मिलियन की सौगात दी है। वियतनाम के न्हा त्रांग में स्थित टेलीकम्युनिकेशन यूनिवर्सिटी के लिए यह बहुत बड़ा तोहफा है। सिंह ने यह सौगात उस यूनिवर्सिटी को बेहतर करने के लिए दिया है। साथ ही इससे भारत-वियतनाम रिश्तों में भी मजबूती आएगी।
यह यूनिवर्सिटी वियतनाम की पिपल्स आर्मी को प्रशिक्षण देने के नाम से भी जानी जाती है। इसी लिबरेशन आर्मी की एक इकाई वियतनाम प्रोपैगान्डा भी है। पूर्व अध्यक्ष हो ची मिन्ह के निर्देशन में 22 दिसम्बर 1944 को लिबरेशन आर्मी की नींव पड़ी थी। राजनाथ ने ट्वीट कर यह जानकारी दी कि उन्होंने वियतनाम पिपल्स आर्मी के प्रशिक्षण के लिए 500 मिलियन की मदद की।
15 मई 1945 को वियतनाम प्रोपैगान्डा आर्मी भी राष्ट्रीय सुरक्षा आर्मी के साथ मिल गई, जिसका नाम पड़ा लिबरेशन आर्मी। दरअसल, वियतनाम के स्वतंत्रता संग्राम में लिबरेशन आर्मी का उदय बहुत तेजी से हुआ। जो 1950 के बाद वियतनाम पिपल्स आर्मी हो गई।
राजनाथ ने अपने इसी दौरे के दौरान वियतनाम के एयर फोर्स स्कूल को भी एक मिलियन डालर की सहायता मुहैया कराई है। इस सहयोग से वियतनाम भाषाई और सूचना प्रसारण प्रयोगशालाओं को बेहतर कर सकता है। राजनाथ ने कहा कि मुझे खुशी है कि इस सहयोग से वियतनाम अपने एयर फोर्स व्यवस्था को बेहतर करेगा। और इससे दोनों देशों के रिश्तों में मजबूती भी आएगी।
राजनाथ ने वियतनाम को 12 तटरक्षक नौकाएं भी सौंपी। सरकार का कहना है कि इन नौकाओं कीमत 100 मिलियन डालर है। बुधवार को दोनों देशों ने सुरक्षा सहयोग में बड़े उद्देशय के लिए साझा हस्ताक्षर किए।
-एजेंसियां