बांग्लादेश में हिंदू नेता चिन्मय की गिरफ्तारी का भारी विरोध, भारत ने जताई चिंता

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बांग्लादेश में हिंदू समूह सम्मिलिता सनातनी जोत के नेता एवं इस्कॉन ट्रस्ट के सचिव रहे चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी का बड़े पैमाने पर विरोध हो रहा है। राजधानी ढाका और चटगांव समेत देश के कई हिस्सों पर लोग सड़कों पर उतरे और उनकी रिहाई की मांग की। प्रदर्शनकारियों पर लाठियां बरसाने और आंसू गैस के गोले दागने की खबर है।

बांग्लादेश इस्कॉन के प्रमुख चिन्मय कृष्ण दास प्रभु की गिरफ्तारी को लेकर बांग्लादेश सरकार की आलोचना हो रही है। अब इस्कॉन ने भी बयान जारी कर बांग्लादेश सरकार के इस कदम की निंदा की है।

इस बीच, एक अदालत ने चिन्मय को जमानत देने से इन्कार कर दिया। उन्हें जेल भेज दिया गया है। चिन्मय को देशद्रोह के आरोप में सोमवार को गिरफ्तार किया गया था। चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम की अदालत ने जेल भेजने का आदेश दिया। चिन्मय को जमानत नहीं मिलने पर उनके समर्थकों ने अदालत परिसर में जय श्रीराम समेत कई नारे लगाए।

चटगांव मेट्रोपोलिटन पुलिस आयुक्त हसीब अजीज ने कहा कि जब कड़ी सुरक्षा में चिन्मय को जेल ले जाया जा रहा था, तब दो हजार से ज्यादा समर्थकों ने वैन को घेर लिया। करीब दो घंटे तक रास्ता रोके रखा। इस दौरान पथराव किया गया। उनको खदेड़ने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागने पड़े। इसमें किसी के गंभीर रूप से घायल होने की खबर नहीं है।

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में प्रदर्शन करने पर इस्कॉन के चिन्मय कृष्ण दास प्रभु पर कार्रवाई की गई थी। उनको देशद्रोह और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के आरोप में बांग्लादेश पुलिस ने सोमवार को ढाका एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया था। इसके खिलाफ हिंदू समुदाय के लोग ढाका की सड़कों पर उतर पड़े थे और जाम लगा दिया था। कई जगह से हिंसा की खबरें भी आई थीं।

भारत के विदेश मंत्रालय ने दास की गिरफ्तारी और जमानत से इनकार पर चिंता जताई थी। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, हमने बांग्लादेश ‘सम्मिलित सनातनी जोत’ के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और जमानत न दिए जाने पर गहरी चिंता व्यक्त की है। यह घटना बांग्लादेश में चरमपंथी तत्वों द्वारा हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर कई हमलों के बाद हुई है। हम बांग्लादेश के अधिकारियों से हिंदुओं और सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह करते हैं, जिसमें शांतिपूर्ण सभा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उनका अधिकार भी शामिल है।

बांग्लादेश की वर्तमान स्थिति और चिन्मय दास की गिरफ्तारी के संबंध में इस्कॉन बांग्लादेश ने चिंता व्यक्त की है। इस्कॉन ने कहा कि हम बांग्लादेश सम्मिलित सनातनी जोत के प्रवक्ता दास की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करते हैं। हम बांग्लादेश के विभिन्न हिस्सों में सनातनी समुदाय के खिलाफ हो रही हिंसा और हमलों की भी आलोचना करते हैं। हम बांग्लादेश के अधिकारियों से यह अपील करते हैं कि वे सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए शांति और सह-अस्तित्व को बढ़ावा दें।

इस्कॉन ने आगे कहा, चिन्मय दास, जो बांग्लादेश सम्मिलित सनातनी जोत के प्रवक्ता और बांग्लादेशी नागरिक हैं, अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा के लिए हमेशा आवाज उठाते रहे हैं। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के उनके अधिकार की रक्षा करना और दूसरों को भी इस अधिकार के लिए प्रेरित करना बहुत जरूरी है। हम यह चाहते हैं कि चिन्मय दास और सनातनी समुदाय इस देश के नागरिक के रूप में न्याय के पात्र हैं, और हम इस बात पर जोर देते हैं कि उनके खिलाफ किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं होना चाहिए।


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