बिहार: किशनगंज में मेची नदी पर केंद्र सरकार के अधीन 1500 करोड़ की लागत से बन रहा पुल धंसा

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बिहार में पुल के गिरने और धंसने का सिलसिला जारी है। अब इस लिस्ट में किशनगंज जिले में मेची नदी पर बन रहे पुल का नाम जुड़ गया है। इस पुल का निर्माण किशनगंज के गौरीचक में हो रहा है। जिसका एक पिलर धंस गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस पुल की लागत 15,00 करोड़ रुपए हैं। इस पुल का निर्माण जीआर इंफ्रा नामक कंपनी नेशनल हाईवे 327 ई पर कर रही है। बता दें कि यह पुल एनएचएआई की देखरेख में बन रहा है। सड़क की चौड़ीकरण के चलते इस पुल का निर्माण किया जा रहा है। इस पुल के बनने के बाद बिहार के अररिया जिले से बंगाल के सिलीगुड़ी आने-जाने का रास्ता सुगम होने की उम्मीद थी, लेकिन पुल धंसने से यह निर्माणाधीन कार्य में बाधा आ गई है।

बिहार में करोड़ों की लागत से बने पुल के गिरने की शुरुआत बीते चार जून को राज्य के सुल्तानगंज में हुई थी। जहां गंगा नदी पर बना रहा पुल अचानक पानी में समा गया। इस पुल का निर्माण 1700 करोड़ की लागत से कराया जा रहा था। इस पुल का निर्माण एसपी सिंगला कंपनी कर रही थी। हालांकि, आईआईटी रुड़की की जांच रिपोर्ट आने के बाद पुल को तोड़कर फिर से बनाने की घोषणा सरकार ने की है। साथ ही, अब इस पुल का सारा खर्च निर्माण कंपनी को उठाना पड़ेगा।

एक माह के भीतर बिहार में दूसरी बार पुल धंसने की घटना से सरकारी अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। किशनगंज जिले के गौरीचक गांव के पास बनाए जा रहे है इस पुल के नीचे मेची नदी बहती है। किशनगंज  जिले में मेची नदी पर छह स्पेन (पिलर) वाले पुल का निर्माण कार्य जारी है। लेकिन अब पुल का एक स्पेन नदी में नीचे की ओर धंस गया है। अधिकारी मौके पर पहुंचे कर स्पेन के धंसने के कारणों की तलाश में जुट गए हैं। पुल निर्माण कार्य हो पूरा चुका है। लेकिन एप्रोच पथ नहीं बन पाने के कारण इसे नहीं खोला गया है। जिसके चलते आवागमन शुरू नहीं किया गया है। बिहार में पूर्णिया किशनगंज के रास्ते मानसून की शुरुआत हुई है। जिसके चलते यहां पर बारिश हुई है। हालांकि अभी मेची नदी में बाढ़ की स्थिति नहीं आई है। लेकिन इससे पहले ही पुल जमीन धंस गई।

बिहार के उपमुख्यमंत्री और सड़क निर्माण विभाग का ज़िम्मा संभाल रहे तेजस्वी यादव ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है, ‘यह केंद्र सरकार अधीन ‘भारत माला परियोजना’ अंतर्गत एनएचएआई द्वारा निर्मित निर्माणाधीन पुल है। इसका बिहार सरकार के पथ निर्माण विभाग से कोई संबंध नहीं है। इस परियोजना के निर्माण से संबंधित एजेंसी और अधिकारियों को श्रेय एवं दंड देने का सर्वाधिकार एनएचएआई का है।’

Compiled: up18 News