इमरान खान ने कहा, चोर-डाकुओं की गुलामी करने से तो मौत बेहतर

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उन्होंने फिर से सेना के वरिष्ठ अधिकारी जनरल फैसल नसीर पर आरोपों को दोहराते हुए कहा कि जब भी जांच होगी मैं साबित कर दूंगा कि यह वही आदमी था जिसने मेरा कत्ल करवाने की कोशिश की.

इमरान ख़ान ने कहा कि “आईएसपीआर साहब, मेरी बात गौर से सुनो. इज्जत कौम में हर शहरी की होनी चाहिए. इस वक्त कौम की सबसे बड़ी पार्टी का अध्यक्ष हूं. पचास साल से लोग मुझे जानते हैं. मुझे झूठ बोलने की जरूरत नहीं है. इस आदमी ने दो बार मेरा कत्ल करने की कोशिश की. जब भी जांच होगी मैं साबित करूंगा कि ये वो आदमी थी. और इस आदमी के साथ कई लोग हैं.”

ख़ान के आरोपों को आईएसपीआर ने खारिज करते हुए कहा था कि वे अपने राजनीतिक हितों को साधने के लिए पिछले एक साल से सेना और खुफिया अधिकारियों को बदनाम कर रहे हैं. विभाग ने उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी है.

गुलामी से मौत बेहतर

इमरान ख़ान ने आरोप लगाया कि पूर्व प्रधानमंत्री होते हुए भी वे एफआईआर दर्ज नहीं करवा पाए.

उन्होंने कहा, “आईएसपीआर साहब जब एक इदारा अपनी काली भेड़ों के खिलाफ एक्शन लेता है तो वो अपनी क्रेडिबिलिटी बेहतर करता है. जो संस्था भ्रष्टाचारियों और गलत काम करने वालों को पकड़ता है तो उसका क्रेडिबिलिटी मजबूत होती है.”

इमरान ख़ान ने कहा, “मैं मानसिक रूप से तैयार हूं. अगर आपको जेल में डालना है तो मैं तैयार हूं. ये जो डर्टी हैरी ने प्लान बनाया हुआ है. इसके साथ पूरा टोला है. सबको पता है कौन इसके साथ है. अगर इनके हाथ में मेरी जान जानी है तो मैं उसके लिए भी तैयार हूं.”

उन्होंने कहा, “ये भी हो सकता है कि जो श्रीलंका में जो हालात थे, आज ब्लूमबर्ग कहता है, दुनिया कहती है कि पाकिस्तानी के उससे ज्यादा बुरे हाल हो चुके हैं. अगर ये कौम फट गई तो आपको खुद को छुपाते फिरेंगे.”

इमरान ने कहा कि “अगर इन चोरों, डाकुओं और इन डफरों की गुलामी करनी पड़े तो मैं अल्लाह से दुआ करता हूं कि मुझे ऊपर ले जाए. इनकी गुलामी से मौत बेहतर है.”

Compiled: up18 News