टाटा संस की एयर इंडिया के चीफ नहीं बनेंगे इल्कर अइसी

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इल्कर अइसी एयर इंडिया के चीफ नहीं बनेंगे। टाटा संस ने उन्हें इस पद के लिए चुना था लेकिन उन्होंने इस ऑफर को ठुकरा दिया है। उन पर पाकिस्तान और अल कायदा से संबंध होने के आरोप लगे थे। अइसी ने कहा कि भारतीय मीडिया में उनकी नियुक्ति पर सवाल उठाए जा रहे थे। एक रिपोर्ट में अइसी और अल कायदा के एक कथित फाइनेंसर के बीच कनेक्शन का दावा किया गया था।

अइसी तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोआन के करीबी माने जाते हैं। वह अइसी करीब दो दशक पहले एर्दोआन के एडवाइजर रहे थे। तब एर्दोआन इस्तांबुल के मेयर थे। नवंबर 2018 में जब अइसी की शादी हुई थी तो उसमें एर्दोआन ने भी शिरकत की थी। एर्दोआन ने कश्मीर मुद्दे पर कई बार पाकिस्तान का समर्थन किया है। वह कई बार कह चुके हैं कि कश्मीर मामले पर तुर्की हमेशा पाकिस्तान का साथ देगा। एर्दोआन तो कश्मीर की तुलना फिलिस्तीन से भी कर चुके हैं और भारत पर कश्मीर में अत्याचार के आरोप भी लगाते रहे हैं।

अइसी ने क्यों किया किनारा

अइसी ने कहा कि भारतीय मीडिया में उनकी नियुक्ति पर सवाल उठाए जा रहे थे। अइसी ने कहा, ‘मैं इस नतीजे पर पहुंचा हूं कि इस तरह के माहौल में इस ऑफर को स्वीकार करना सही फैसला होगा। टाटा ग्रुप ने फरवरी में मेरी नियुक्ति की घोषणा की थी और मुझे एक अप्रैल से पद संभालना था।

इस घोषणा के बाद से मैं भारतीय मीडिया के एक वर्ग में आ रही खबरों को ध्यान से देख रहा था। मुझ पर कई तरह के आरोप लगाए जा रहे थे।’ अइसी ने कहा कि हाल में टाटा ग्रुप के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन (N Chadrasekaran) के साथ बैठक में उन्होंने बता दिया था कि वह इस ऑफर को स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, ‘मैंने भारी मन से यह फैसला किया है। मैं एयर इंडिया और टाटा ग्रुप को भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता हूं।’

हाल में खबर आई थी कि गृह मंत्रालय अइसी के बैकग्राउंड की जांच करेगा। माना जा रहा था कि साल 2015 से 2021 तक टर्किश एयरलाइंस के सीईओ रहे अइसी के बैकग्राउंड वेरिफिकेशन में केंद्रीय गृह मंत्रालय रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) से मदद ले सकता है। हालांकि, अधिकारियों ने कहा है कि यह नियमित प्रक्रिया है जब किसी विदेशी नागरिक को किसी भारतीय कंपनी का सीईओ नियुक्त किया जाता है तो ऐसी जांच होती ही है।

-एजेंसियां