मथुरा: पुलिया के अंदर दिखा लकड़बग्घा, 3 घंटे लंबे ऑपरेशन के बाद किया रेस्क्यू

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मथुरा। कोसी कलां में पड़ने वाले अज़ीज़पुर गाँव में पुलिया के अंदर लगभग 6 वर्ष का एक लकड़बग्घा दिखाई दिया। संयुक्त रेस्क्यू ऑपरेशन में, वन्यजीव संरक्षण संस्था वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस और उत्तर प्रदेश वन विभाग ने उसे सकुशल पकड़ा। लकड़बग्घा फिलहाल चिकित्सकीय निगरानी में है और जल्द ही उसे उसके प्राकृतिक आवास में वापस छोड़ दिया जाएगा।

अज़ीज़पुर गाँव के निवासी गाँव के अंदर लकड़बग्घे को देख हैरान रह गए, जिसने एक पुलिया के अंदर शरण ले रखी थी। जानवर की भलाई को लेकर चिंतित, गांववासियों ने इसकी जानकारी वन विभाग को दी, जिन्होंने तुरंत अपनी टीम को वहाँ भेजा और वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस टीम से संपर्क साधा।

वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस रैपिड रिस्पांस यूनिट की 5 सदस्यीय टीम को स्थान तक पहुंचने में करीब दो घंटे का समय लगा। वहाँ पहुंचने पर टीम ने टॉर्च की मदद से संकरी पुलिया के अंदर झांककर लकड़बग्घे की स्थिति का जायज़ा लिया। पुलिया के एक किनारे को बंद कर टीम ने दूसरे छोर पर पिंजरा रख दिया, लगभग दो घंटे के बाद लकडबग्घा पिंजरे में आ गया। करीबी निरीक्षण से पता चला कि लकडबग्घा नर है, जिसकी उम्र लगभग 6 वर्ष है।

बैजूराज एम.वी, डायरेक्टर-कंजर्वेशन प्रोजेक्ट्स, वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस ने कहा, “वर्षों के अनुभव के बावजूद, हमारी रेस्क्यू टीम हमेशा इस तरह के ऑपरेशन के समय संभावित जोखिमों और चुनौतियों को ध्यान में रख कर ही कार्य करती हैं। लगभग दो घंटे के इंतजार के बाद, लकड़बग्घा आखिरकार बाहर निकला और पिंजरे में आ गया। लकडबग्घा फिलहाल चिकित्सकीय निगरानी में है, और जल्द ही वापस जंगल में छोड़ दिया जाएगा।

वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस के सह-संस्थापक और सी.ई.ओ, कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, “ पहले भी हमारी टीम ने लकड़बग्घा और यहां तक ​​कि तेंदुओं को पुलिया से रेस्क्यू किया है! ऐसे ऑपरेशन अधिकतर ज्यादा समय लेते हैं, इसलिए धैर्य रखना बेहद जरूरी है, क्योंकि जानवर डर सकता है या परेशान हो सकता है। हमें खुशी है कि लकड़बग्घे को बिना किसी नुकसान के सकुशल बचा लिया गया।”