क़तर में होने जा रहे फ़ुटबॉल विश्वकप के राजदूत ने समलैंगिकता को “दिमाग की गड़बड़ी” बताया है. उनके इस बयान को ह्यूमन राइट्स वॉच ने “हानिकारक और अस्वीकार्य” क़रार दिया है.
कतर के पूर्व अंतर्राष्ट्रीय फ़ुटबॉलर और इस वर्ल्ड कप के लिए देश के राजदूत ख़ालिद सलमान ने जर्मन ब्रॉडकास्टर जेडडीएफ़ की एक डॉक्यूमेंट्री में कहा है कि टूर्नामेंट में शामिल होने वाले LGBTQ+ लोगों को “हमारे नियमों को स्वीकार करना चाहिए.”
सलमान ने कहा- “समलैंगिकता हराम है, आपको पता है ना कि हराम का मतलब क्या होता है?”
यह पूछे जाने पर कि यह हराम क्यों है, उन्होंने कहा: “मैं सख़्त मुसलमान नहीं हूं लेकिन यह हराम क्यों है? क्योंकि यह दिमाग की गड़बड़ी है.”
ये इंटरव्यू मंगलवार को प्रसारित होने वाले एक डॉक्यूमेंट्री का हिस्सा है.
सलमान 2022 विश्व कप के लिए एक राजदूत की हैसियत से इंटरव्यू दे रहे थे, सलमान के साथ-साथ कैफू और शावी अर्नांडेज़ सहित कई फुटबॉल दिग्गजों को राजदूत बनाया है.
ह्यूमन राइट्स वॉच की सीनियर रिसर्चर राशा यूनुस ने कहा है, “सलमान का ये मानना कि समलैंगिक आकर्षण ‘दिमाग की गड़बड़ी’ है, येहानिकारक और अस्वीकार्य है.
“इस तरह की फ़ेक जानकारी से निपटने में क़तर सरकार की विफलता का क़तर के LGBTQ+ लोगों के जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है.
-एजेंसी