पीएम मोदी के डिग्री विवाद में हाईकोर्ट ने खारिज की केजरीवाल की रिव्यू पिटीशन

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सात साल पहले शुरू हुआ था विवाद

अप्रैल 2016 में केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) ने केजरीवाल से उनके चुनावी फोटो पहचान पत्र के बारे में जानकारी मांगी थी। इसके जवाब में अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि वह सीआईसी को जानकारी देने के लिए तैयार हैं लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी की शैक्षणिक डिग्री का खुलासा करने के लिए कहा जाना चाहिए। केजरीवाल के जवाब को आरटीआई (RTI) का आवेदन मानते हुए सीआईसी ने एक ऑर्डर पास किया था। इसमें गुजरात यूनिवर्सिटी को पीएम मोदी की डिग्री का ब्योरा देने का निर्देश दिया था। इस ऑर्डर के खिलाफ गुजरात यूनिवसिर्टी हाईकोर्ट चली गई थी।

यूनिवर्सिटी के अर्जी पर इस साल 31 मार्च को गुजरात हाईकोर्ट के जस्टिस बीरेन वैष्णव ने फैसला सुनाते हुए सीआईसी के ऑर्डर को रद्द कर दिया और केजरीवाल पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।

यूनिवर्सिटी ने किया मानहानि का केस

गुजरात हाईकोर्ट के फैसले को लेकर केजरीवाल और संजय सिंह प्रेस कांफ्रेंस की। इसमें उन्होंने फैसले की मेरिट पर सवाल उठाए और खुद पर जुर्माना लगाने को गलत बताया। अप्रैल के अंत में गुजरात यूनिवर्सिटी ने दोनों नेताओं के खिलाफ मानहानि का केस कर दिया।

अहमदाबाद की मेट्रो पॉलिटन कोर्ट में दाखिल किए गए केस में कहा गया है दोनों ने यूनिवर्सिटी की बारे में जो बातें कहीं, उनसे यूनिवर्सिटी की प्रतिष्ठा खराब हुई। कोर्ट ने मानहानि केस में दोनों नेताओं को समन किया। इसके बाद यह लड़ाई आगे सुप्रीम कोर्ट तक पहुंची। अभी यह केस मेट्रोपॉलिटन कोर्ट में चल रहा है। अगली सुनवाई 10 नवंबर को होनी है। पीएम मोदी की बीए की डिग्री को एक मामला दिल्ली हाई कोर्ट में भी चल रहा है।

Compiled: up18 News