Lucknow News : अकबर नगर में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, अगली सुनवाई 22 जनवरी को

लखनऊ के अकबर नगर में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, अगली सुनवाई 22 जनवरी को

Regional

लखनऊ। राजधानी लखनऊ में कुकरैल नदी के पास अकबर नगर बस्ती की जमीन पर कब्जाकर निर्माण कराने वालों के मकानों, दुकानों की गुरुवार को शुरू की गई ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। ध्वस्तीकरण की कार्रवाई से सैकड़ों गरीब लोग बेघर हो रहे थे। इसे लेकर कोर्ट में रिट दाखिल की गई थी। गुरुवार को रिट पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि पहले विस्थापितों को रहने की जगह दी जाए। इसके बाद ही ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जा सकती है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई आगामी 22 जनवरी तक के लिए टाल दी है।

कुकरैल रिवरफ्रंट की जद में आ रहे है अकबर नगर की 102 दुकानें और 1200 मकान 

बता दें कि कुकरैल रिवरफ्रंट की जद में अकबर नगर की 102 दुकानें और 1200 मकान आ रहे है। इसको लेकर एलडीए ने ध्वस्तीकरण कार्रवाई के आदेश दिए थे। ऐसे में स्थानीय लोगों और व्यापारियों ने इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। गुरुवार सुबह एलडीए भारी पुलिस बल के साथ अकबर नगर में ध्वस्तीकरण कार्रवाई के पहुंचा। इस दौरान एलडीए वीसी इंद्रमणि त्रिपाठी डीसीपी सेंट्रल अपर्णा रजत कौशिक समेत एलडीए (LDA) के कई विभागीय अधिकारी और भारी पुलिस बल मौजूद है। वहीं बुलडोजर कार्रवाई करने से पहले ही स्थानीय लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। मौके पर मौजूद भारी पुलिस बल ने किसी तरह मामले को शांत कराया। इसके बाद लोग अपने घरों को खाली करना शुरू किया।

हमें सरकार से फ्री का राशन और कोई सुविधा नहीं चाहिए, हमें बस अपना खुद के बनाए आशियाने में रहने दिया जाए

वहीं इस मामले में अकबर नगर के स्थानीय लोगों का कहना है कि करीब दो से तीन पीढ़ियों से उनका परिवार यहां रह रहा है। ऐसे में उन्हें यहां से विस्थापित न किया जाए। उन्होंने बताया कि विस्थापन के बाद उनकी कमाई का जरिया और बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ेगा। कई महिलाओं ने बताया कि उनके परिवार में कोई पुरुष कमाने वाला नहीं है और घर में सिर्फ लड़कियां हैं। ऐसे में वह सभी अपने बच्चों को लेकर कहां जायेंगे? उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाते हुए कहा कि हमें सरकार से फ्री का राशन और कोई सुविधा नहीं चाहिए। हमें बस अपना खुद के बनाए आशियाने में रहने दिया जाए।

-एजेंसी