37 साल पुराने चंदौली के सिकरौरा हत्‍याकांड में हाईकोर्ट से बाहुबली बृजेश सिंह बरी

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इस केस में 2018 में ट्रायल कोर्ट ने माफिया बृजेश सिंह समेत सभी 13 आरोपियों को दोषमुक्‍त कर दिया था। इसके बाद यूपी सरकार और पीडि़त परिवार ने निचली अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। इस हत्‍याकांड में हीरावती के पति, दो देवर और परिवार के चार बच्‍चों की हत्‍या हुई थी। हीरावती की बेटी भी इस हमले में बुरी तरह घायल हुई थी। यह घटना 10 अप्रैल, 1986 की रात की है। तब यह इलाका वाराणसी में आता था। बाद में चंदौली जिला बना।

सिकरौरा के प्रधान रामचंद्र यादव के साथ ही उनके भाई रामजन्म और सियाराम और चार छोटे बच्चों की जघन्य तरीके से हत्या कर दी गई थी। वारदात की वजह जमीन संबंधी विवाद और ग्राम प्रधानी के चुनाव से जुड़ी रंजिश बताई गई थी। हीरावती की तहरीर पर बृजेश सहित 13 को आरोपी बनाया गया था। शुरुआत में यह मामला बृजेश के बालिग और नाबालिग होने को लेकर अटका रहा था।

2018 में ट्रायल कोर्ट ने भी बरी कर दिया था

चंदौली जिला कोर्ट ने 2018 में दिए गए फैसले में सभी 13 आरोपियों को बरी कर दिया था। गवाहों के बयान में भिन्नता होने के कारण बरी कर दिया था। हाईकोर्ट में दायर अपील में जघन्य हत्या के मामले में बरी हो चुके माफिया बृजेश सिंह को सजा दिए जाने की मांग की गई थी। उनके खिलाफ वाराणसी जिले के बलुआ पुलिस स्टेशन में मुकदमा दर्ज है। आईपीसी की धारा 148, 149, 302, 307, 120बी एवं आर्म्स ऐक्ट की धारा 25 के तहत एफआईआर दर्ज है।

Compiled: up18 News


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