जल्लीकट्टू के कानूनों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 22 नवंबर को सुनवाई

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न्यायमूर्ति के एम जोसफ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ को याचिकाकर्ताओं की तरफ से पेश हो रहे वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद ग्रोवर ने बताया कि जल्लीकट्टू के संदर्भ में किए गए संशोधन असंवैधानिक हैं।

पीठ ने कहा कि वह इस मामले पर नवंबर में सुनवाई करेगी। पीठ में न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी, न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस, न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार भी शामिल हैं।

शीर्ष अदालत ने पूर्व में कहा था कि पशुओं से क्रूरता (तमिलनाडु संशोधन) अधिनियम, 2017 को चुनौती देने वाली याचिकाओं के मामले में बड़ी पीठ द्वारा फैसला किए जाने की जरूरत है क्योंकि उनमें संविधान की व्याख्या से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न शामिल हैं।

न्यायालय की पीठ ने बड़ी पीठ द्वारा निर्णय के लिए पांच प्रश्न तैयार किए।

पशु अधिकार के लिये काम करने वाली संस्था ‘पेटा’ द्वारा दायर एक याचिका समेत अन्य याचिकाओं में राज्य के कानून को चुनौती दी गई है। राज्य के कानून ने तमिलनाडु में बैल को वश में करने के खेल की अनुमति दी थी।

-एजेंसी