मथुरा: श्रीकृष्‍ण-जन्मस्थान से निकली भगवान जगन्नाथ जी की भव्‍य रथयात्रा

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मथुरा। श्रीकृष्‍ण-जन्मस्थान सेवा-संस्थान के तत्वावधान में भगवान जगन्नाथ जी की रथयात्रा परंपरागत विधिविधान व धूमधाम के साथ श्रीकृष्‍ण-जन्मस्थान से आज शुक्रवार ( 01जुलाई 2022 ) की सायंकाल 5 बजे आरंभ हुई। इससे पूर्व भगवान जगन्नाथ जी, अग्रज बलरामजी व अनुजा सुभद्रा जी व श्रीचक्र के विग्रह विधिविधानपूर्वक संकीर्तन की ध्वनि के मध्य लाकर सुसज्जित दिव्य काष्‍ठ रथ में विराजमान कराये गये।

पूजाचार्यो द्वारा तीनों श्रीविग्रहों को दिव्य श्रंगार व स्वर्णिम मुकुट धारण कराये गये तदोपरान्त संस्थान के सचिव श्री कपिल शर्मा एवं सदस्य श्री गोपेश्‍वरनाथ चतुर्वेदी ने ठाकुरजी की आरती कर ‘जय जगन्नाथ स्वामी’ के घोष के साथ रथयात्रा का श्रीकृष्‍ण-जन्मस्थान से शुभारम्भ किया। श्रीकृष्‍ण जन्मस्थान पर देश-विदेश से पधारे हजारों श्रद्धालु श्रीकृष्‍ण जन्मभूमि पर आयोजित इस भगवान जगन्नाथ जी की रथयात्रा के दर्शन कर अभिभूत हो उठे। श्रीकृष्‍ण-जन्मस्थान सेवा-संस्थान द्वारा परिसर में भगवान जगन्नाथ जी की आरती के उपरान्त वृहद मात्रा में आम प्रसाद एवं हलवा प्रसाद का वितरण किया गया, साथ ही रथयात्रा के संपूर्ण मार्ग में भी श्रद्धालु भक्तजनों को प्रसाद वितरित किया गया।

रथयात्रा में सबसे आगे भगवान की सवारी आने की सूचक ढोल-तांसा पार्टी, व बैण्ड के सुमधुर भक्तिपूर्ण संगीत के साथ ब्रजमंडल के गौड़ीय संकीर्तन मंडल के साधुसंत ‘हरिबोल’ ‘जय जगन्नाथ’ का उच्चारण करते हुये उद्दाम नृत्य के साथ मनोहारी दृश्‍य उत्पन्न कर रहे थे। रथयात्रा में चैतन्य महाप्रभु व निताई-निमाई के युगल स्वरूप की झांकी आकर्षण का केन्द्र बनी रही।

यात्रा श्रीकृष्‍ण-जन्मस्थान से आरंभ होकर डीग गेट, मंडी रामदास, चैक बाजार, स्वामीघाट, राजाधिराज बाजार, छत्ता बाजार, तिलक द्वार, कोतवाली मार्ग, भरतपुर दरवाजा व दरेसी मार्ग होकर श्रीकृश्ण-जन्मस्थान प्रांगण में पहुंचकर पूर्ण हुई, इस मध्य स्थान-स्थान पर नगरवासियों व व्यवसायी संगठनों द्वारा भगवान जगन्नाथ की आरती उतारकर पुष्‍पवर्षा कर, प्रसाद वितरित किया तथा श्रद्धालुओं का शीतल जल व शर्बत आदि से स्वागत किया।

यात्रा में चल रहे भक्त व नगरवासियों में रथ को खींचकर पुण्य प्राप्त करने की होड़ लगी रही, हर कोई रथ में बंधे रस्से को छूने के प्रयास में रहा। यात्रा समापन पर आरती के उपरान्त विशाल भण्डारा-प्रसाद का आयोजन सभी भक्तों के लिए किया गया। सन्तों की ऐसी मान्यता है कि इस यात्रा में नगर भ्रमण के उपरान्त भगवान जगन्नाथ जी अपने भक्तों के समीप आते हैं। नगर भ्रमण के उपरान्त भगवान जगन्नाथ जी की रथयात्रा श्रीकृष्‍ण जन्मस्थान के पवित्र परिसर में पधारी।

इस अवसर पर भव्य प्रसादी भण्डारे का आयोजन जन्मस्थान सेवा-संस्थान द्वारा किया गया, जिसमें रथयात्रा में सम्मिलित श्रद्धालुओं के साथ-साथ श्रीकृष्‍ण-जन्मस्थान के दर्शनों के लिए पधारे भक्तवृन्द के द्वारा भी प्रसादी-भण्डारे में प्रसाद ग्रहण किया।

श्रीकृष्‍ण जन्मस्थान से निकलने वाली भगवान जगन्नाथजी की इस भव्य रथयात्रा में संस्थान के सचिव श्री कपिल शर्मा, प्रबंध समिति के सदस्य श्री गोपेश्‍वरनाथ चतुर्वेदी, उप मुख्य अधिशाषी श्री अनुराग पाठक, श्री नारायण राय, श्री भगवान स्वरूप वर्मा, श्री विजय बहादुर सिंह, श्री ब्रज किशोर शर्मा, श्रीकृष्‍ण संकीर्तन मण्डल के श्री अनिलभाई, श्री अतुल शोरावाला आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।