सरकार के निर्देश: ऑनलाइन सट्टेबाजी संबंधी विज्ञापनों को प्रकाशित न करे मीडिया

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नई दिल्‍ली। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने सोमवार को प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया को ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफार्मों के विज्ञापन से परहेज करने के लिए एक सलाह जारी की है। एडवाइजरी प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, सोशल और ऑनलाइन मीडिया में ऑनलाइन सट्टेबाजी वेबसाइट्स और प्लेटफार्मों के कई विज्ञापनों के उदाहरणों के प्रकाश में आई है।

एडवाइजरी में कहा गया है, “देश के अधिकांश हिस्सों में अवैध सट्टेबाजी और जुआ उपभोक्ताओं, खासकर युवाओं और बच्चों के लिए महत्वपूर्ण वित्तीय और सामाजिक-आर्थिक जोखिम पैदा करते हैं।”

एडवाइजरी में कहा गया है कि ऑनलाइन सट्टेबाजी पर इन विज्ञापनों का इस बड़े पैमाने पर निषिद्ध गतिविधि को बढ़ावा देने का प्रभाव है।

गौरतलब है कि इससे पहले 4 दिसंबर 2020 को सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने ऑनलाइन गेमिंग के विज्ञापनों पर भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई) के दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए निजी सैटेलाइट टीवी चैनलों (प्रतिलिपि संलग्न) के लिए एक सलाह जारी की थी जिसमें ऑनलाइन गेमिंग के स्थिर/प्रिंट और ऑडियो-विजुअल विज्ञापन पर विशिष्ट क्या करें और क्या न करें, बताया गया था।

आज फिर से इस बावत मंत्रालय की ओर से सभी मीडिया कंपनियों को निर्देश भेजे गए हैं कि ऑनलाइन सट्टेबाजी के विज्ञापनों से दूरी बनाई जाए क्‍योंकि ये विज्ञापन एक ऐसी गतिविधि को बढ़ावा देते हैं जो काफी हद तक निषिद्ध है और उपभोक्ताओं, विशेष रूप से युवाओं और बच्चों के लिए महत्वपूर्ण वित्तीय और सामाजिक-आर्थिक जोखिम पैदा करती है।

इसमें कहा गया है कि “ऑनलाइन सट्टेबाजी के विज्ञापन भ्रामक हैं और उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019, केबल टेलीविजन नेटवर्क विनियमन अधिनियम 1995 के तहत विज्ञापन कोड और प्रेस परिषद अधिनियम 1978 के तहत भारतीय प्रेस परिषद द्वारा निर्धारित पत्रकारिता आचरण के मानदंडों के तहत विज्ञापन मानदंड के सख्त अनुरूपता में प्रतीत नहीं होते हैं।”

-एजेंसी