सरकार ने खत्म की पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या में साजिश की जांच के लिए गठित MDMA

National

MDMA केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के तहत काम कर रही थी और इसमें कई केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी शामिल थे।

अधिकारियों ने कहा कि एजेंसी को भंग करने का आदेश मई में जारी किया गया था और लंबित जांच को सीबीआई की एक अलग इकाई को सौंप दिया गया है।

एजेंसी को 1998 में एमसी जैन आयोग की सिफारिश पर दो साल के लिए स्थापित किया गया था और इसे वार्षिक विस्तार दिया गया था, लेकिन यह कोई बड़ी सफलता हासिल करने में विफल रही।

पुलिस उप महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता वाली एजेंसी ने बैंकिंग लेनदेन सहित मामले के विभिन्न पहलुओं पर जानकारी मांगने के लिए श्रीलंका, ब्रिटेन और मलेशिया जैसे देशों को 24 अनुरोध पत्र भेजे थे।
उन्होंने कहा कि इन देशों ने 20 से अधिक अनुरोधों का जवाब दिया और केवल कुछ ही शेष थे।

सूत्रों ने कहा कि जांच लगभग पूरी हो चुकी है और कुछ लंबित न्यायिक अनुरोधों या MDMA द्वारा भेजे गए अनुरोध पत्र के मुद्दे को अब सीबीआई देखेगी।

उन्होंने कहा कि उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) को सौंपे जाने से पहले शुरू में एमडीएमए संयुक्त निदेशक-स्तर के एक अधिकारी की अध्यक्षता में कार्य करती थी जिसने कई देशों में साजिश के बारे में कोई चौंकाने वाला खुलासा नहीं किया।

राजीव गांधी की 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में एक चुनावी रैली के दौरान धनु नाम के लिट्टे के आत्मघाती हमलावर ने हत्या कर दी थी।

-एजेंसी


Discover more from Up18 News

Subscribe to get the latest posts sent to your email.