9 नवंबर को 50वें प्रधान न्यायाधीश के पद की शपथ लेंगे धनंजय वाई चंद्रचूड़

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केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ को प्रधान न्यायाधीश नियुक्त करने की घोषणा की और सीजेआई के पद पर उनका कार्यकाल दो वर्षों का होगा।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ देश में सबसे लंबे समय तक सीजेआई रहे न्यायमूर्ति वाई वी चंद्रचूड़ के बेटे हैं। उनके पिता 22 फरवरी 1978 से 11 जुलाई 1985 तक भारतीय न्यायपालिका के प्रमुख रहे थे।

वह (न्यायमूर्ति चंद्रचूड़), 65 वर्ष की आयु पूरी करने पर सेवानिवृत्त होने वाले न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित की जगह लेंगे। न्यायमूर्ति ललित सीजेआई के पद से आठ नवंबर को सेवानिवृत हो रहे हैं और पद पर उनका 74 दिनों का संक्षिप्त कार्यकाल रहा।

‘असहमति को लोकतंत्र के सेफ्टी वाल्व’ के रूप में देखने वाले न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ कई संविधान पीठ और ऐतिहासिक फैसले देने वाली उच्चतम न्यायालय की पीठों का हिस्सा रहे हैं।

इनमें अयोध्या भूमि विवाद, आईपीसी की धारा 377 के तहत समलैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने, आधार योजना की वैधता से जुड़े मामले, सबरीमला मुद्दा, सेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन देने, भारतीय नौसेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने, व्यभिचार को अपराध की श्रेणी में रखने वाली आईपीसी की धारा 497 को असंवैधानिक घोषित करने जैसे फैसले शामिल हैं।

कानून मंत्री रीजीजू ने अधिसूचना को उद्धृत करते हुए ट्वीट किया, ‘‘संविधान द्वारा प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए माननीय राष्ट्रपति ने उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश डॉ. न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ को देश का प्रधान न्यायाधीश नियुक्त किया है। यह नियुक्ति नौ नवंबर 2022 से प्रभावी होगी।’’

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ 13 मई 2016 को शीर्ष न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किये गये थे और 10 नवंबर 2024 को सेवानिवृत्त होंगे।

सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी.के. मिश्रा और कानून मंत्रालय में न्याय विभाग के शीर्ष अधिकारियों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा हस्ताक्षरित नियुक्ति पत्र आज दोपहर न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ को स्वयं सौंपा।

सूत्रों ने बताया कि इसके बाद अगले सीजेआई के रूप में उनकी नियुक्ति की एक आधिकारिक अधिसूचना जारी की गई।

रिजिजू ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘नौ नवंबर को औपचारिक रूप से शपथ ग्रहण करने के लिए न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ को अपनी शुभकामनाएं देता हूं।’’

सीजेआई ललित ने न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त करने की 11 अक्टूबर को केंद्र से सिफारिश की थी।

उल्लेखनीय है कि न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ नीत पीठ ने कोविड-19 संकट के दौरान लोगों द्वारा सामना की गई समस्याओं को दूर करने के लिए कई निर्देश जारी किये थे। उन्होंने महामारी की दूसरी लहर को ‘राष्ट्रीय संकट’ बताया था।

-एजेंसी