टेक दिग्गज गूगल ने अपने AI टूल बार्ड (Bard) को भारत में लॉन्च कर दिया है। गूगल बार्ड को ओपनएआई के चैटजीपीटी (ChatGPT) की टक्कर में लाया गया है। गूगल की कनवरसेशन जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चैटबॉट सर्विस भारत सहित 180 से अधिक देशों में शुरू की जा रही है। कंपनी ने गुरुवार को माउंटेन व्यू (कैलिफोर्निया) में कंपनी के मुख्यालय में आयोजित अपने एनुअल डेवलपर कॉन्फ्रेंस Google I/O में इसकी घोषणा की है। बता दें कि बार्ड को पहली बार इसी साल फरवरी में पेश किया गया था।
सीईओ सुंदर पिचाई ने की घोषणा
भारत सहित दुनियाभर के 180 से अधिक देशों में बार्ड को लॉन्च किया गया है। यह घोषणा गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने की है। पिचाई ने एआई टूल बार्ड को लॉन्च करते हुए कहा, “जैसे-जैसे एआई मॉडल बेहतर और अधिक सक्षम होते जा रहे हैं, हम लोगों के साथ उन्हें सीधे जुड़ने के लिए उपलब्ध करा रहे हैं। बार्ड के साथ हमारे पास यही अवसर है – कनवरसेशन एआई के लिए हमारा प्रयोग।”
क्या है Bard?
बार्ड, गूगल की एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित चैटबॉट सर्विस है, जो कि LaMDA टेक्नोलॉजी का उपयोग कर बनाया गया है। इसे कंपनी ने सीईओ पिचाई ने पहले “प्रायोगिक संवादी AI सेवा” यानी एक्सपेरिमेंटल कन्वर्सेशनल एआई सर्विस कहा था और अब इसे सार्वजनिक उपयोग के लिए लॉन्च कर दिया गया है। बार्ड LaMDA और गूगल के अपने कन्वर्सेशनल एआई चैटबॉट पर आधारित है।
ChatGPT से कैसे अलग है Bard
गूगल के नए Bard को ChatGPT की टक्कर में पेश किया है। लेकिन इन दोनों एआई टूल में समानता के साथ बहुत अंतर भी है। दरअसल, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल ChatGPT, पहले से मौजूद डाटा के आधार पर सवालों के जवाब देता है, जबकि गूगल अपने एआई चैटबॉट को लैंग्वेज मॉडल और डायलॉग एप्लिकेशन यानी LaMDA से संचालित है।
यानी Bard ज्यादा सटीक जवाब दे सकता है। गूगल का कहना था कि बार्ड को बड़े लैंग्वेज मॉडल की पावर, बुद्धिमत्ता और रचनात्मकता के संयोजन से लैस किया गया है। सिर्फ इतना ही नहीं बार्ड को ऐसे डेवलप किया गया है कि यह टूल यूजर्स के फीडबैक और इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी के आधार पर ज्ञान प्राप्त करेगा।
Compiled: up18 News
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