पीएम मोदी के मामले में गूगल की सफाई, AI टूल हमेशा विश्वसनीय नहीं होते

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पीएम मोदी पर चैटबॉट की विवादित टिप्पणी के बाद गूगल ने क्या कहा?

Gemini के फासीवादी वाले जवाब पर नोटिस मिलने के बाद गूगल ने कहा है कि Gemini सभी प्रॉम्प्ट का जवाब देने में हमेशा विश्वसनीय नहीं है। इस पर हमेशा भरोसा नहीं किया जा सकता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि Gemini की लॉन्चिंग पर गूगल ने कहा था कि यह बहुत ही भरोसेमंद और बेस्ट टूल है, लेकिन एक विवाद के बाद ही गूगल के बोल बदल गए। गूगल के मुताबिक चैटबॉट करेंट अफेयर और राजनीतिक विषयों पर हमेशा सही जवाब नहीं दे सकता।

राजीव चंद्रशेखर ने दी थी गूगल को चेतावनी

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने गूगल को उसके एआई टूल जेमिनी के पीएम पर बयान को लेकर शुक्रवार को ही कड़ी चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था कि एआई टूल जेमिनी के रिप्लाई ने आईटी नियमों के साथ-साथ आपराधिक संहिता के कई प्रावधानों का सीधा उल्लंघन है। इस मसले पर एक ई-मेल के रिप्लाई में Google के प्रवक्ता ने कहा, “हम इस मुद्दे को हल करने के लिए तेजी से काम कर रहे हैं। यह कुछ ऐसा है जिस पर हम लगातार सुधार करने पर काम कर रहे हैं।”

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, एक यूजर ने गूगल के एआई चैटटूल जेमिनी से पूछा था कि क्या नरेंद्र मोदी फासीवादी हैं? इस सवाल के जवाब में जेमिनी ने कहा, ‘नरेंद्र मोदी भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री हैं और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता हैं। उन पर ऐसी नीतियां लागू करने का आरोप लगाया गया है। कुछ विशेषज्ञों ने इसे फासीवादी बताया है। ये आरोप कई पहलुओं पर आधारित हैं। इसमें भाजपा की हिंदू राष्ट्रवादी विचारधारा भी शामिल है।’

गूगल जेमिनी पर पक्षपात का भी आरोप लगा है क्योंकि जेमिनी ने मोदी को फासीवादी कहा जबकि यही सवाल जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप औ यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के बारे में पूछा गया तो उसने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया।

-एजेंसी


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