अडानी ग्रुप के लिए चारों तरफ से गुड न्यूज़ आ रही है। ग्रुप ने 2.65 अरब डॉलर का कर्ज समय से पहले चुका लिया है, मुंद्रा में पीवीसी प्रोजेक्ट पर फिर से काम शुरू होने जा रहा है, बीएसई ने ग्रुप की चार कंपनियों के शेयरों की सर्किट लिमिट बढ़ा दी है और निवेश के लिए कई कंपनियां लाइन लगाकर खड़ी हैं। इससे ग्रुप के शेयरों में काफी तेजी आई है।
बुधवार को ग्रुप के ज्यादातर शेयर तेजी के साथ ट्रेड कर रहे हैं। अडानी पावर में पांच फीसदी से अधिक तेजी आई है। ग्रुप के शेयरों में पांच फीसदी तक तेजी आई। इससे पहले 24 जनवरी को आई हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट के कारण अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई थी। इस रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर शेयरों की कीमत में छेड़छाड़ का आरोप लगाया गया था। हालांकि अडानी ग्रुप ने इन आरोपों का खंडन किया था। लेकिन इससे अडानी ग्रुप के शेयरों में लगातार कई दिनों तक गिरावट आई थी।
लेकिन लगता है कि अब अडानी ग्रुप अब हिंडनबर्ग रिसर्च के असर से उबर चुका है। निवेशकों और लेंडर्स का भरोसा जीतने के लिए अडानी ग्रुप ने कई कदम उठाए हैं। ग्रुप का दावा है कि उसने 2.65 अरब डॉलर का कर्ज चुका दिया है।
क्रेडिटसाइट्स के एनालिस्ट्स का कहना है कि अडानी ग्रुप के कर्ज की स्थिति में सुधार आया है। क्रेडिटसाइट्स के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट लक्ष्मणन आर ने ब्लूमबर्ग को एक ईमेल में बताया कि फाइनेंशियल ईयर 2022 की तुलना में 2023 में अडानी ग्रुप के कर्ज की स्थिति में सुधार आया है। लक्ष्मणन ने एक साल पहले दावा किया था कि अडानी ग्रुप की कंपनियों पर भारी कर्ज है। लेकिन अब उन्होंने इस बारे में अपनी राय को अपग्रेड कर दिया है।
पीवीसी प्रोजेक्ट पर फिर शुरू होगा काम
इस बीच अडानी ग्रुप ने मुंद्रा में अपने पीवीसी प्रोजेक्ट पर फिर से काम शुरू करने की तैयारी कर ली है। चार महीने से इस पर काम रुका हुआ था। इस पर 14,000 से 16,000 करोड़ रुपये के शुरुआती फंडिंग की योजना है। मिंट की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि मुंद्रा पेट्रोकेम को इसके लिए बैंकों से क्रेडिट लाइन मिल गई है।
इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 35,000 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। फरवरी में ग्रुप ने इस प्रोजेक्ट का काम रोक लिया था। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के कारण ग्रुप ने अपनी प्राथमिकताओं में बदलाव किया था। ग्रुप ने अपने विस्तार के बजाय कर्ज कम करने की रणनीति अपनाई थी।
चार शेयरों की सर्किट लिमिट बढ़ी
उधर बीएसई ने अडानी ग्रुप के चार शेयरों की सर्किट लिमिट बढ़ा दी है। अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी ट्रांसमिशन और अडानी विल्मर की सर्किट लिमिट पांच फीसदी से बढ़ाकर 10 फीसदी कर दी गई है। अडानी पावर की लिमिट पांच फीसदी से 20 फीसदी कर दी गई है।
अडानी ग्रुप के शेयरों में हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के कारण काफी उतारचढ़ाव देखा जा रहा था। इस कारण इनकी सर्किट लिमिट में बदलाव किया गया था। लेकिन पिछले कुछ दिनों से इनमें स्थिरता दिख रही है। इसमें से कई शेयर 52 हफ्ते के न्यूनतम स्तर से उबर चुके हैं और इनमें 25 से 80 फीसदी तक तेजी आई है। अडानी एंटरप्राइजेज ने तो पिछले महीने मल्टीबैगर रिटर्न दिया था।
लाइन में खड़े हैं निवेशक
इस ग्रुप ने अपनी तीन कंपनियों के शेयर संस्थागत निवेशकों को बेचकर तीन अरब डॉलर जुटाने की योजना बनाई है। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद ग्रुप का यह पहला बड़ा मूव है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अडानी एंटरप्राइजेज और अडानी ट्रांसमिशन के बोर्ड पहले से ही पात्र संस्थागत निवेशकों को शेयर बेचकर 2.5 अरब डॉलर (21,000 करोड़ रुपये) जुटाने को मंजूरी दे चुके हैं। अडानी ग्रीन एनर्जी का बोर्ड भी एक-दो सप्ताह में एक अरब डॉलर जुटाने के लिए मंजूरी दे सकता है। इस तरह अडानी ग्रुप 3.5 अरब डॉलर जुटा सकता है।
पूंजी जुटाने की प्रक्रिया संग्रह चालू वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में पूरी हो सकती है। यूरोप और पश्चिम एशिया के निवेशकों ने इसमें अच्छी रूचि दिखाई है। कुछ मौजूदा निवेशक पेशकश स्वीकार कर सकते हैं और कुछ नए निवेशक भी इसमें शामिल हो सकते हैं।
Compiled: up18 News