जर्मनी की विदेश मंत्री ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को तानाशाह बताया

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बेयरबॉक ने आगे कहा था- इसीलिए यूक्रेन को यह युद्ध जीतना होगा। आजादी और लोकतंत्र को जीतना ही होगा। CNN के मुताबिक विदेश मंत्री के बयान से नाराज चीन ने तुरंत अपने यहां मौजूद जर्मनी के राजदूत पैट्रीशिया फ्लोर को तलब कर दिया। उन्होंने पैट्रीशिया के सामने डिप्लोमैटिक लेवल पर विरोध जताया।

बाइडेन भी जिनपिंग को तानाशाह बोल चुके

चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा- जर्मनी की तरफ से दिया गया बयान बेतुका और चीन की राजनीतिक गरिमा का उल्लंघन है। ये बयान चीन को उकसाने के लिए दिया गया है। इससे पहले जून में अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने भी शी जिनपिंग को तानाशाह कहा था।

इसके बाद बीजिंग की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई थी। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा था- ये बुनियादी तथ्यों के बिलकुल उलट है। साथ ही बाइडेन का बयान कूटनीतिक शिष्टाचार के खिलाफ है।

चीन पर निर्भरता कम करने की कोशिश में जर्मनी

जुलाई 2023 में जर्मन सरकार ने पहली बार अपनी नई चाइना पॉलिसी पेश की थी। इस दस्तावेज में जर्मनी की चीन पर निर्भरता कम करने की बात कही गई थी। इस पॉलिसी के तहत जर्मनी ने रिसर्च में सहयोग बंद करने की घोषणा की थी। 64 पेज के दस्तावेज के मुताबिक जर्मनी चीन के साथ उन परियोजनाओं से पैसा निकालना चाहता है, जिनमें नॉलेज ट्रांसफर हो सकता है।

वहीं जर्मनी की गठबंधन सरकार का कहना है कि वह पूरी तरह दुनिया की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था चीन से अलग नहीं होना चाहती है। जर्मनी एक्सपोर्ट पर निर्भर अर्थव्यवस्था है और चीन उसके लिए सबसे बड़ा बाजार है। बीजिंग के साथ तनाव का असर जर्मनी के निर्यात पर भी होगा। चीन का विदेश मंत्रालय जर्मन की न्यू चाइना पॉलिसी को नुकसान पहुंचाने वाला कदम बता चुके हैं।

चीन को लेकर सख्त रवैया अपनाने की पैरवी करती हैं विदेश मंत्री

जर्मनी की विदेश मंत्री बेयरबॉक ने लगातार चीन को लेकर सख्त रवैया अपनाने की बात कही है। ताइवान और ह्यूमन राइट्स के मामले में बेयरबॉक चीन के खिलाफ बयान भी दे चुकी हैं। अगस्त में एक ऑस्ट्रेलियाई थिंक-टैंक से बेयरबॉक ने कहा था- चीन ने दुनिया में साथ रहने के बुनियादी ढांचे के लिए चैलेंज पैदा किया है।

अप्रैल में बीजिंग के दौरे पर पहुंची बेयरबॉक ने चीन को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर उन्होंने ताइवान पर कब्जा करने की कोशिश की तो इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा था कि चीन एक ट्रेडिंग पार्टनर और प्रतिस्पर्धी से ज्यादा अब प्रतिद्वंदी बनता जा रहा है। चीनी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने उन पर चीन को बदनाम करने और उसे लेकर अपने मन में गलत धारणा बनाने का आरोप लगाया था।

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक्टिव हो रहा जर्मनी

DW के मुताबिक, सैन्य रूप से शांत रहने वाला जर्मनी अब हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सक्रिय होने लगा है। जुलाई 2023 में जर्मनी ने पहली बार अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के साथ संयुक्त सैन्याभ्यास के लिए अपनी एक टुकड़ी ऑस्ट्रेलिया भेजी थी। जर्मनी समेत पश्चिमी देशों और चीन के पड़ोसियों का आरोप है कि बीजिंग सैन्य दबदबे से साउथ चाइना सी में हालात बदलने की कोशिश कर रहा है, जो क्षेत्र की शांति के लिए खतरा है।

Compiled: up18 News