केमिकल बनाने वाली कंपनी मोनसैंटो को 850 मिलियन डॉलर (लगभग सात हजार करोड़ रुपये) उन लोगों को देने होंगे जो एक स्कूल में लाइट फिटिंग से केमिकल लीक होने के कारण प्रभावित हुए हैं.
वाशिंगटन में स्काई वैली एजुकेशन सेंटर के सात छात्रों और उनके अभिभावक ने कहा कि कंपनी की पॉलीक्लोराइनेटेड बाइफिनाइल या पीसीबी केमिकल के कारण उन्हें न्यूरोलॉजिकल और एंडोक्राइन की बीमारियां हुईं.
मोनसैंटो का मालिकाना हक़ जर्मन कंपनी बायर के पास है. कंपनी का कहना है कि वह सिएटल की ज्यूरी के इस फ़ैसले के खिलाफ अपील करेगी.
मोनसैंटो के एक बयान में इस जुर्माने को “संवैधानिक रूप से अत्यधिक” बताया गया और कहा गया कि कंपनी फ़ैसले के ख़िलाफ़ अपील की जाएगी.
पीसीबी केमिकल का इस्तेमाल व्यापक रूप से विद्युत उपकरणों को इन्सुलेट करने के लिए किया जाता था और कार्बन कॉपी पेपर, कलकिंग, फ़्लोर फ़िनिश और पेंट जैसे अन्य उत्पादों में ये पाया जाता है.
अमेरिकी सरकार ने 1979 में इस केमिकल को गैरकानूनी घोषित कर दिया था क्योंकि इससे कैंसर होने के ख़तरे की बात सामने आई थी.
Compiled: up18 News